पहाड़ों की सुबह मेरे लिए कभी भी बिछुड़ी हुई अंतिम सुबह नहीं रही,यह हर साल आबो-हवा बदलने के लिए पहाड़ जाने…
पिता द्वारा सुनाये गये किस्से, कहानियां ताजीवन पिता से ही अपने होते हैं यह अपनापन मुझे गरतांग गली तक पहुंचते…
1900 के दशक की शुरुआत में ई. आर. स्टीवंस और ई. ए. स्माइथिस के राष्ट्रीय उद्यान, भारत में स्थापित करने…
उम्र का हर पड़ाव ज़िंदगी के ठहराव में स्मृतियों का अविस्मरणीय लोकगीत है. इसी गीत को गुनगुनाने हेतु हम तीनों…
सितम्बर 2008 में शेखरदा (प्रोफेसर शेखर पाठक) ने प्रसिद्ध छायाकार एवं पर्वतारोही अनूप साह तथा संवेदनशील छायाकार प्रदीप पाण्डे के साथ उच्च हिमालय…
उत्तराखंड, भारत का एक प्रमुख प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक धरोहर का स्थान है. इस प्रांत की अलकनंदा, मंदाकिनी, गंगा नदियां…
रोज़ यदि हम एक ही जगह पर जाते भी हैं तो कई नये सुराख गुप्त रास्तों के रूप में मिल…
पिछली कड़ी : पहाड़ों की अति कठिन जिंदगी में सहृदयता दिन ऐसे ही गुजरते रहे. हर दिन पिछले से ज्यादा…
इस साल जाड़े का मौसम बारिश और हिमपात के इंतजार में बीता. लम्बे इंतजार के बाद आखिर जनवरी के आखिर…
नंदा देवी मेले, बाल मिठाई और कटारमल के सूर्य मंदिर के अलावा बहुत सारी चीजे़ हैं जो कुमाऊं में बसी…