कॉलम

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 84

डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…

6 years ago

तीसरी कसम उर्फ मारे गये चिलबिल

अंतर देस इ उर्फ़… शेष कुशल है! भाग – 15 अमित श्रीवास्तव (पिछली क़िस्त: पप्पन पांडे का निबन्ध) गुडी गुडी…

6 years ago

विवेकानन्द के राष्ट्रवाद का प्रतिगामी है आज का राष्ट्रवाद

12 जनवरी 1863 को कलकत्ता मे नरेन्द्रनाथ का जन्म होना फिर स्वामी रामकृष्ण परमहंस के संपर्क में आकर बालक नरेंद्र…

6 years ago

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 83

डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…

6 years ago

पंतनगर के सन्नाटे में धांय-धांय

कहो देबी, कथा कहो – 28 पिछली कड़ी: कहो देबी, कथा कहो – 27, आसमान टूट पड़ा क्या नहीं था…

6 years ago

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 82

डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…

6 years ago

मडुआ: एक पहाड़ी अनाज का फर्श से अर्श तक का सफर

मडुआ, मंडुआ, क्वादु और कोदा नाम से पहचाने जाने वाले अनाज को लम्बे समय तक उत्तराखण्ड में वह सम्मान नहीं…

6 years ago

1842 से छप रहे हैं उत्तराखण्ड में अखबार

उत्तराखंड में पत्रकारिता की शुरूआत -विनीता यशस्वी पहले अखबार उत्तराखंड के कुमाऊनी व गढ़वाली दोनों इलाकों में पत्रकारिता का इतिहास…

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कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 81

डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…

6 years ago

सरदार मान सिंह के रूप में सुन्दरलाल बहुगुणा

तीन बेटों और दो बेटियों के बाद 9 जनवरी 1927 को टिहरी रियासत के वन अधिकारी अम्बादत्त बहुगुणा के घर…

6 years ago