पहाड़ के भोजन की सबसे बड़ी विशेषता उसकी सरलता है. गरीबी और पहाड़ एक दूसरे के पूरक रहे हैं. एक…
बहुत पुरानी बात है बागेश्वर के फरसाली गांव में एक नरभक्षी राक्षस उत्पन्न हो गया. राक्षस ने गांव उजाड़ दिया…
उत्तराखंड सरकार द्वारा राज्य की राजधानी देहरादून में पांचवे धाम के रूप में सैन्यधाम का निर्माण किया जा रहा है.…
कौतिक का मतलब होता है मेला. मेले तो हर जगह लगते हैं और हर मेले का अपना सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और…
बचपन से लेकर जवानी के दिनो तक हम गौचर कस्बे को मेले के लिए जानते थे. गौचर-पानाई का समतल, सेरे…
1808 के समय तक यह माना जाता था कि गढ़वाल स्थित गोमुख में गंगा का उद्गम स्थल है लेकिन कुछ…
भाषाविदों के अनुसार कुमाँऊनी एक इंडो आर्यन भाषा है जो कुमाऊँ में प्रचलित है और अलग-अलग जनपदों में थोड़े बहुत…
ऐतिहासिक सब माउंटेन रोड (कंडी रोड) विस्तार और इतिहास इस सड़क को ही आधार मानकर पर्वतीय और गैर पर्वतीय क्षेत्रों…
धौन पानी क्षेत्र के एक गांव में तीन लोग रहते थे — सास, ससुर और बहू. सास और ससुर बहु…
आज का दिन ऐतिहासिक बन गया है. इक्कीस साल के उत्तराखण्ड में, इसके किसी लोकपर्व को पहली बार राजपत्र में…