बटरोही

आध मुन्स्यार+आध चिकसैरेदा = पुर संसारआध मुन्स्यार+आध चिकसैरेदा = पुर संसार

आध मुन्स्यार+आध चिकसैरेदा = पुर संसार

आज समझ में आ रहा है कि आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी ने इतिहास को विधाता क्यों कहा होगा? हमारा यह विधाता…

3 years ago
अंततः हल्द्वानी का हिमालयअंततः हल्द्वानी का हिमालय

अंततः हल्द्वानी का हिमालय

एक: मेरे गाँव से हिमालय हिमालय के बारे में मैंने बड़े नाटकीय अंदाज़ में जाना. हिमालय के बीच ही पैदा…

3 years ago
रामगढ़ के टाइगर टॉप में एक विश्व विद्यालय बनाने की कहानीरामगढ़ के टाइगर टॉप में एक विश्व विद्यालय बनाने की कहानी

रामगढ़ के टाइगर टॉप में एक विश्व विद्यालय बनाने की कहानी

इस बात की चर्चा अब बेकार है कि कितनी उम्मीदों के साथ रामगढ़ की महादेवी वर्मा के मीरा कुटीर को…

4 years ago
भैंस-पालकों की घाटी से घोड़ों के दौड़ते झुण्ड वाले देश तक की यात्राभैंस-पालकों की घाटी से घोड़ों के दौड़ते झुण्ड वाले देश तक की यात्रा

भैंस-पालकों की घाटी से घोड़ों के दौड़ते झुण्ड वाले देश तक की यात्रा

मेरा पैतृक गाँव ब्रिटिश अल्मोड़ा के दक्षिण-पूर्व में स्थित एक छोटा-सा गाँव है, ‘छानगों’; मगर शुरू से ही इसे ‘छानागाँव’…

4 years ago
नैनीताल की झील में एक खतरनाक जीवाणु का घर हैनैनीताल की झील में एक खतरनाक जीवाणु का घर है

नैनीताल की झील में एक खतरनाक जीवाणु का घर है

यह शोध हमारे विश्वविद्यालय में वनस्पति-विज्ञान के प्रोफ़ेसर साहब ने किया था. हिंदी समाज के आम प्राध्यापक की तरह वो…

4 years ago
पवनदीप राजन: हजारों साल बाद अंकुरित हुआ कालिदास का रोपा गया पौधा ‘कुटज’पवनदीप राजन: हजारों साल बाद अंकुरित हुआ कालिदास का रोपा गया पौधा ‘कुटज’

पवनदीप राजन: हजारों साल बाद अंकुरित हुआ कालिदास का रोपा गया पौधा ‘कुटज’

आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी का मशहूर निबंध है ‘कुटज’. गिरिकूट यानी पहाड़ों की चोटी पर पैदा होने वाला वृक्ष है कुटज.…

4 years ago
उत्तराखंड में ओबीसी बिल के निहितार्थ: एक तत्काल प्रतिक्रियाउत्तराखंड में ओबीसी बिल के निहितार्थ: एक तत्काल प्रतिक्रिया

उत्तराखंड में ओबीसी बिल के निहितार्थ: एक तत्काल प्रतिक्रिया

गलत वर्तनी वाले पंडित, घूंघट वाले ठाकुर, छोटा ‘सा’ वाले बनिये और प्रदेश की ईंट-से-ईंट जोड़ते रहे एससी-एसटी शिल्पकार क्या…

4 years ago
इंदु कुमार पांडे: नौकरशाह नहीं, नौकरी-पेशा सदाशयी इन्सानइंदु कुमार पांडे: नौकरशाह नहीं, नौकरी-पेशा सदाशयी इन्सान

इंदु कुमार पांडे: नौकरशाह नहीं, नौकरी-पेशा सदाशयी इन्सान

हम लोगों के बीच उम्र का बहुत अंतर तो नहीं था, मगर मेरे कॉलेज में प्राध्यापक बन जाने के बाद…

4 years ago
ठुलदा की कहानीठुलदा की कहानी

ठुलदा की कहानी

आखिर गुजर गए 32, बड़ा बाज़ार, मल्लीताल के हमारे ठुलदा वर्ष 2013 में एक महत्त्वाकांक्षी योजना के रूप में मैंने…

4 years ago
हंगरी की वादियों में लोक गायक ‘नैननाथ रावल’ का कुमाऊनी गीतहंगरी की वादियों में लोक गायक ‘नैननाथ रावल’ का कुमाऊनी गीत

हंगरी की वादियों में लोक गायक ‘नैननाथ रावल’ का कुमाऊनी गीत

पिछली सहस्राब्दी के आखिरी महीने में अपने हंगेरियन विद्यार्थियों को मैंने अपने इलाके का परिचय देने के लिए मशहूर लोकगायक…

4 years ago