प्रो. मृगेश पाण्डे

सोर की होली के रंग

सोर की होली के रंग ही निराले. एक तरफ अल्मोड़े की बैठि या बैठकी होली के सुर आलाप तो दूसरी…

4 years ago

मुखजात्रा: टिहरी गढ़वाल की आम जनता के लम्बे संघर्ष की गाथा

टिहरी रियासत के कारकुनों ने 11 जनवरी 1948 को कीर्तिनगर गढ़वाल में नागेंद्र सकलानी और मोलू भरदारी की हत्या कर…

4 years ago

वृद्ध जागेश्वर जहां विष्णु रूप में पूजे जाते हैं भगवान शिव

अल्मोड़ा से छत्तीस किलोमीटर दूर पूर्व उत्तर दिशा में देवदार के घने पेड़ों की घाटी में एक सौ चौबीस छोटे…

4 years ago

पहाड़ में राजस्व के साथ पुलिस भी संभाले पटवारी

गों घर हो या पट्टी, अंग्रेज की शकल किसने देखी? पर पटवारी वो तो साक्षात् राजसेब हुआ.जरा उसकी आँख में…

4 years ago

जोहार घाटी की जीवनदायिनी जड़ी-बूटियां और खुशबूदार मसाले

गोरी गंगा नदी पर बसी नयनाभिराम घाटी है जोहार की उपत्यका. जो घिरी है पंचचूली, राजखंबा, हंसलिंग और छिपलाकेदार पर्वत…

4 years ago

1930 के दशक में पिथौरागढ़ में पहला रेडियो लाने वाले धनी लाल

1930 के दशक में पिथौरागढ़ जैसे दूरस्थ कस्बे में पहला रेडियो लाए धनीलाल और फिर दिखाया सोर वासियों को सिनेमा.…

4 years ago

एबट माउंट में ख़ब्बीस से इक मुलाक़ात

जी हाँ, ये मुलाक़ात सच्ची है महज़ किस्सागोई नहीं. ख़ब्बीस के मुलाकाती हैं पोलिटिकल साइंस में डी. लिट, दुबले पतले,…

4 years ago

अल्मोड़े के अष्टावक्र हरीश चंद्र जोशी

उन्हें पहाड़ बहुत प्यारे थे. अल्मोड़े में तो उनकी जान बसती थी. यहीं अल्मोड़ा रह उन्होंने पहाड़ की सांस्कृतिक चेतना…

4 years ago

पहाड़ में सैणियों का प्रिय कमर का पट्टा

"नतिया, तु पूछण लाग रोछे यो सैणी कमर में के बांधनी?किले जे बांधनी? त यो भै भाऊ पट्ट, कमर में…

4 years ago

नजर लगने से बचाने के लिये आमा-बूबू के टोने टोटके

जिसने मेरे लाल को नजर लगायी उसकी आँखें जल कर छार हो जाईं. रसोई में जलती बांज कुकाट की लकड़ियों…

4 years ago