किलै, मैं देबी उस दिन कमरे में अकेला था. कमरे का दरवाजा भी बंद था. गहरे सोच में डूबा था…
डांस ब्वाइज डांस छुट्टी के दिन कई बार मैं अपने साथी बिष्ट के कमरे में भी मिलने चला जाता था.…
एक वह दोस्त उन्हीं दिनों एक दिन मेरा वह एक दोस्त आ गया. बोला, इलाहाबाद जा रहा था लेकिन देवेन…
लेखकों की संगत भूखी पीढ़ी आंदोलन 1965 के आसपास शांत हुआ तो दिल्ली में अकविता के स्वर मुखर हो उठे.…
साहित्य की दुनिया पूसा इंस्टिट्यूट के भीतर अनुसंधान की दुनिया थी. उसके बाहर एक और दुनिया थी जिसमें मुझे जल्द…
पिछली कड़ी सायोनारा...सायोनारा सिकंदराबाद स्टेशन पर मैंने एलिस से पूछा, “काफी पिएं?” वह बोली, “जरूर.” मैंने काफी मंगाई. हम बस…
पिछली कड़ी अहा, वह हैदराबाद अहा, उन दिनों का वह हैदराबाद! अंबरपेट फार्म से शाम को थका-मांदा होटल में लौटता.…
पिछली कड़ी उस दिल्ली में वे दिन मन में कृषि वैज्ञानिक और एक साहित्यकार बनने का सपना बुनते-बुनते पहाड़ से…
पिछली कड़ी अलविदा नैनीताल हां, नैनीताल ही याद आता रहा और मैं जैसे कहीं दूर खड़ा होकर मन ही मन…
पिछली कड़ी वे कहानियां ओ हो, वह आंगन में घुघुते-घुघतियों का दाने चुगना! टोकरी के भीतर उन्हें पकड़ने की कोशिश...…