कला साहित्य

जनार्दन बाबू का कायाकल्प

आज विश्वास करना मुश्किल होता है कि जनार्दन बाबू कभी ऐसे न थे जैसे अब हो गए हैं. लगभग सालभर…

5 years ago

चलो सखी पर्वत है आएं

चलो सखी पर्वत है आएं सब आपस में चंदा करकैंडीजल की गाड़ी में भर कैंदेहरी छू भज आएं चलो सखी पर्वत है…

5 years ago

लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती बस एक माँ है जो मुझसे ख़फ़ा नहीं होती

माँ मुनव्वर राणा हँसते हुए माँ बाप की गाली नहीं खातेबच्चे हैं तो क्यों शौक़ से मिट्टी नहीं खाते हो चाहे…

5 years ago

जब सिल्ला वाले रात का खाना खाते हैं तब चिल्ला वाले सो चुके होते हैं

सिल्ला और चिल्ला गाँव - लीलाधर जगूड़ी हम सिल्ला और चिल्ला गाँव के रहनेवाले हैंकुछ काम हम करते हैं कुछ…

5 years ago

इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए – दुष्यंत कुमार की गजलें

दुष्यंत कुमार हिन्दी भाषा में गजल की विधा को लेकर आने वाले पहले महत्वपूर्ण कवि थे. 1 सितम्बर 1933 को…

5 years ago

आज तक चौदह करोड़ प्रतियाँ बिक चुकी हैं ‘द लिटल प्रिंस’ की

ज़रा भी सलीके के स्कूल में पढ़ चुके या ज़रा भी समझदार माँ-बाप वाले परिवार में पैदा हुए बहुत कम…

5 years ago

भूख को पहचानने वाली विनम्र चैम्पियन पी टी ऊषा का जन्मदिन है आज

एथलेटिक्स में भारत को पहली बार विश्वस्तरीय ऊंचाइयों पर पहुंचाने का श्रेय पी टी ऊषा को जाता है. ओलिम्पिक्स और…

5 years ago

शराब माफिया द्वारा मार डाले गए हिम्मती पत्रकार उमेश डोभाल की कविताएं

17 फरवरी 1952 को उत्तराखंड के पौड़ी जिले में जन्मे उमेश डोभाल को एक निर्भीक पत्रकार के रूप में याद…

5 years ago

बाकी बच गया अण्डा

बाकी बच गया अण्डा - नागार्जुन पाँच पूत भारतमाता के, दुश्मन था खूँखार गोली खाकर एक मर गया, बाक़ी रह…

5 years ago

हल्द्वानी के कर्नल ठुस्सू और उनकी दी हुई सीख

कर्नल ठुस्सू कर्नल ठुस्सू - इनके बारे में ज्यादा कुछ नहीं पता. सिवाय इनके हास्यास्पद नाम, पदनाम, पैनी नज़र और…

5 years ago