कला साहित्य

देहरादून में रहने वाले बारह साल के बच्चे की दूसरी किताब

अमरीका के सबसे ज़्यादा बिकने वाले समकालीन लेखकों में से एक क्रिस्टोफ़र पॉलीनि अब सैंतीस साल के हैं. जब उनकी…

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शेरदा अनपढ़ और नरेन्द्र सिंह नेगी की जनप्रतिनिधियों पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी

लगभग चौबीस सौ साल पहले जन्मे महान दार्शनिक अरस्तु द्वारा शासन सम्बन्धी व्यवस्था पर प्रतिपादित अपने तीन वर्गीकरण में से…

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दो सौ वर्षों के इतिहास को समेटे एक पुस्तक ‘काऽरी तु कब्बि ना हाऽरि’

जिस राष्ट्र में यह कहा जाता हो कि “तीन कोस पर पानी बदले, नौ कोस पर बोली”, जहाँ हर प्रकार…

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पुन्यों सी उजली देबुली और नरिया के जीवन की एक झलक

छिलुके की रोशनी में चौथर का कोना कोना खिल उठा था. कई महीनों बाद दो दिन पहले ही चौथर लिपा…

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ऋषि गंगा के मायके में : 1934 का यात्रा वृतांत

एवरेस्ट अभियान से लौटने के कुछ महीनों के बाद ई. ई. सिम्पसन ने मुझे गढ़वाल के एक छोटे अभियान का…

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शक्करपारे: दो बच्चों के झगड़े पर मनोहर श्याम जोशी की मीठी कहानी

रोज की तरह, सात साल का गुट्टू मुन्ना अपनी हमउम्र पड़ोसिन चुनमुन के पास खेलने पहुँचा. चुनमुन उसे अपने मकान…

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ठेठ गढ़वाल के जीवन से जुड़ी चीज़ों को समझने के लिए एक तरह का रोचक शब्दकोश है ‘काऽरी तु कब्बि ना हाऽरि’

बचपन में नए साल के ग्रीटिंग कार्ड बनाने के दौरान एक युक्ति सीखी थी. रंग में डुबाया हुआ धागा लेकर…

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दुर्गा भवन स्मृतियों से

जब हम किसी से दूर हों रहे होते हैं, तब हम उसकी कीमत समझने लगते हैं. कुछ ऐसा ही हो…

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काऽरी तु कब्बि ना हाऽरि : एक कर्मयोगी शिक्षक की जीवनकथा

पिता ने पुत्र की नियति का निर्धारण करते हुए उसको पैतृक पंडिताई की जागीर सौंप दी थी. पिछली सदी के…

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पमपम बैंड मास्टर की बारात

पमपम बैंड मास्टर की बारात इस वक्त एक सुनसान बग्गड़ के बीच से होकर गुजर रही है. बग्गड़ गंगलोड़ पत्थरों…

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