कला साहित्य

जंग बहादुर: एक मेहनतकश पहाड़ी डोटियाल की कहानी

बादामी रंग के पुराने कागज के टुकड़े पर लिखी हुई रसीद उंगलियों में थामे हुए, जब मैं कुलियों के चित्रगुप्त…

3 years ago

बदलते ज़माने में पहाड़ की महिलाओं के हालात कितने बदले

अक्सर बचपन में दादा दादी के कहानियाँ-किस्सों में सुना करते थे उनके ज़माने की कई सारी बातें. इन किस्से-कहानियों को…

3 years ago

उत्तराखण्ड की ग्रामीण महिलाओं में सामूहिक मेलजोल और उत्सवधर्मिता

सामान्यतः पहाड़ के गांव की महिलाओं के दैनिक जीवन का स्वरूप अत्यधिक व्यस्त और संघर्षमय  रहता है.  छह ऋतुओं, 12 महीने उनके…

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माँ का जादुई बक्सा

हलवाई पांचवीं बार अपना हिसाब करने आया था. (Mother's Magic Box) —'तुम्हारा कितना हुआ भाई' पापा पांचवीं बार उससे पूछ…

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‘सिल्वर वेडिंग’ मनोहर श्याम जोशी की कालजयी कहानी

जब सेक्‍शन ऑफीसर वाई․डी․ (यशोधर) पन्‍त ने आखि़री फ़ाइल का लाल फ़ीता बाँध कर निगाह मेज़ से उठायी तब दफ्‍़तर…

3 years ago

कहानी : बयान इक़बालिया

'इसे क्या हुआ है इतना गुमसुम क्यों है' चौकी इंचार्ज साहब ने दस मिनट बाद ही पूछ लिया. (Bayan Iqbaliya)…

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‘ये चिराग जल रहे हैं’ स्मृति कथाओं के जीवंत शब्दचित्र

‘जिस मकान पर आपके बेटे ने ही सही, बडे़ फख्र से ‘बंसीधर पाठक ‘जिज्ञासु’ की तख़्ती टांग दी थी, उसमें…

3 years ago

चालाक खरगोश ने हाथियों के झुंड को भगा दिया

एक वन में हाथियों का एक झुंड रहता था. झुंड के सरदार को गजराज कहते थे. वो विशालकाय, लम्बी सूंड…

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‘वेश्या की लड़की’ सुभद्रा कुमारी चौहान की कहानी

छाया, प्रमोद की सहपाठिनी थी. प्रमोद, नगर के एक प्रतिष्ठित और कुलीन ब्राह्मण परिवार का लड़का था. और छाया? छाया…

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कौवों और उल्लुओं की लड़ाई: एक कहानी पंचतंत्र से

दक्षिण देश में महिलारोप्य नाम का एक नगर था. नगर के पास एक बड़ा पीपल का पेड़ था. उसके घने…

3 years ago