बादामी रंग के पुराने कागज के टुकड़े पर लिखी हुई रसीद उंगलियों में थामे हुए, जब मैं कुलियों के चित्रगुप्त…
अक्सर बचपन में दादा दादी के कहानियाँ-किस्सों में सुना करते थे उनके ज़माने की कई सारी बातें. इन किस्से-कहानियों को…
सामान्यतः पहाड़ के गांव की महिलाओं के दैनिक जीवन का स्वरूप अत्यधिक व्यस्त और संघर्षमय रहता है. छह ऋतुओं, 12 महीने उनके…
हलवाई पांचवीं बार अपना हिसाब करने आया था. (Mother's Magic Box) —'तुम्हारा कितना हुआ भाई' पापा पांचवीं बार उससे पूछ…
जब सेक्शन ऑफीसर वाई․डी․ (यशोधर) पन्त ने आखि़री फ़ाइल का लाल फ़ीता बाँध कर निगाह मेज़ से उठायी तब दफ़्तर…
'इसे क्या हुआ है इतना गुमसुम क्यों है' चौकी इंचार्ज साहब ने दस मिनट बाद ही पूछ लिया. (Bayan Iqbaliya)…
‘जिस मकान पर आपके बेटे ने ही सही, बडे़ फख्र से ‘बंसीधर पाठक ‘जिज्ञासु’ की तख़्ती टांग दी थी, उसमें…
एक वन में हाथियों का एक झुंड रहता था. झुंड के सरदार को गजराज कहते थे. वो विशालकाय, लम्बी सूंड…
छाया, प्रमोद की सहपाठिनी थी. प्रमोद, नगर के एक प्रतिष्ठित और कुलीन ब्राह्मण परिवार का लड़का था. और छाया? छाया…
दक्षिण देश में महिलारोप्य नाम का एक नगर था. नगर के पास एक बड़ा पीपल का पेड़ था. उसके घने…