लंबे अरसे से वह बेरोज़गारों के पाँव तले घिसती हुई जिन्स की इमेज ढोती रही. उसका हमवार जूता, हर राह,…
विश्व साहित्य के इतिहास पर नजर दौड़ाएं तो कई कवि ऐसे हुए हैं जिन्होंने बहुत कम उम्र में ही अपने…
इस देश में आदमी की सहनशीलता जबर्दस्त और तटस्थता भयावह है. पूरी व्यवस्था में मरे हुए चूहे की सड़ांध भरी…
कल शाम को चौक में दो-चार ज़रूरी चीज़ें ख़रीदने गया था. पंजाबी मेवाफ़रोशों की दूकानें रास्ते ही में पड़ती हैं.…
-प्रताप गर्ब्याल सूरज ने अपने सातों अश्वों को अस्तबल में बांध लिया है किन्तु उत्ताप अभी भी बरकरार है. सांझ…
खेतों-बगीचों के बीच से गांव की तरफ जाने वाली पगडंडियों को चित्रकारों और कैमरामैनों की नजर से आपने खूब देखा…
"मैं उल्लू की आवाज़ को अशुभ नहीं मानता, फिर भी इस आवाज़ से अतीत और भविष्य की यादों में खो…
वहाँ तक तो सब साथ थे, लेकिन अब कोई भी दो एक साथ नहीं रहा. दस-के-दसों अलग-अलग खेतों में अपनी…
श्रीचरणकमलेषु, आज हमारे विवाह को पंद्रह वर्ष हो गए, लेकिन अभी तक मैंने कभी तुमको चिट्ठी न लिखी. सदा तुम्हारे…
किसी भी स्थान अथवा क्षेत्र विशेष के इतिहास, समाज, संस्कृति और वहां की सभ्यता से साक्षात्कार करने की दिशा में…