कला साहित्य

क़ीमती सलाह : कुमाऊनी लोककथा

एक अमीर आदमी के दो बेटे थे, जब वे बड़े हुए तब उसने दोनों को अपना व्यापार शुरू करने के…

3 years ago

खोल दो: सआदत हसन मंटो की कहानी

अमृतसर से स्पेशल ट्रेन दोपहर दो बजे चली और आठ घंटों के बाद मुगलपुरा पहुंची. रास्ते में कई आदमी मारे…

3 years ago

अद्भुत है शैलेश मटियानी की कहानी ‘दो दुखों का एक सुख’

'साधो, करमगती किन टारी...' - मिरदुला कानी, सीढ़ी के पथरौटे पर बैठी, मंजीरा कुटफुटा रही थी - 'कोस अनेक बिकट…

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बुर्क़े : सआदत हसन मंटो की कहानी

ज़हीर जब थर्ड ईयर में दाख़िल हुआ तो उस ने महसूस किया कि उसे इश्क़ हो गया है... और इश्क़…

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मकड़ू पधान की कहानी

अतीत पहाड़ों में वेगवान पवन और जलधाराओं के अतिरिक्त कुछ भी तो गतिमान नहीं है. सूरज तो उगता है पर…

3 years ago

सिंगलत्व की तीन श्रेणियां

सिंगल होना ब्रह्माण्ड का डिजाइन है. आदमी सिंगल पैदा होता है, सिंगल ही मरता है. चूंकि ये दोनों ही जीवन…

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घायल वसंत – हरिशंकर परसाई

कल बसंतोत्सव था. कवि वसंत के आगमन की सूचना पा रहा था - प्रिय, फिर आया मादक वसंत. मैंने सोचा,…

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उनचास फसकों की किताब ‘बब्बन कार्बोनेट’

बब्बन कार्बोनेट: द हो, अशोक पाण्डे की क्वीड़ पथाई के क्या कहते हो! पहाड़ की मौखिक कथा परम्परा में ‘क्वीड़’…

3 years ago

मार्कण्डेय की कहानी ‘गरीबों की बस्ती’

यह है कलकत्ता का बहूबाज़ार, जिसके एक ओर सरकारी अफ़सरों तथा महाजनों के विशाल भवन हैं और दूसरी ओर पीछे…

3 years ago

‘चाकरी चतुरंग’ की समीक्षा

बहुत सारे मुखौटे हैँ एक दूसरे से अलग -थलग. सबकी सोच भी जुदा-जुदा सी. इनके पीछे छिपे चेहरे व्यवस्था की…

3 years ago