कला साहित्य

बुर्क़े : सआदत हसन मंटो की कहानी

ज़हीर जब थर्ड ईयर में दाख़िल हुआ तो उस ने महसूस किया कि उसे इश्क़ हो गया है... और इश्क़…

3 years ago

मकड़ू पधान की कहानी

अतीत पहाड़ों में वेगवान पवन और जलधाराओं के अतिरिक्त कुछ भी तो गतिमान नहीं है. सूरज तो उगता है पर…

3 years ago

सिंगलत्व की तीन श्रेणियां

सिंगल होना ब्रह्माण्ड का डिजाइन है. आदमी सिंगल पैदा होता है, सिंगल ही मरता है. चूंकि ये दोनों ही जीवन…

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घायल वसंत – हरिशंकर परसाई

कल बसंतोत्सव था. कवि वसंत के आगमन की सूचना पा रहा था - प्रिय, फिर आया मादक वसंत. मैंने सोचा,…

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उनचास फसकों की किताब ‘बब्बन कार्बोनेट’

बब्बन कार्बोनेट: द हो, अशोक पाण्डे की क्वीड़ पथाई के क्या कहते हो! पहाड़ की मौखिक कथा परम्परा में ‘क्वीड़’…

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मार्कण्डेय की कहानी ‘गरीबों की बस्ती’

यह है कलकत्ता का बहूबाज़ार, जिसके एक ओर सरकारी अफ़सरों तथा महाजनों के विशाल भवन हैं और दूसरी ओर पीछे…

3 years ago

‘चाकरी चतुरंग’ की समीक्षा

बहुत सारे मुखौटे हैँ एक दूसरे से अलग -थलग. सबकी सोच भी जुदा-जुदा सी. इनके पीछे छिपे चेहरे व्यवस्था की…

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महात्मा गाँधी को चिट्ठी पहुँचे : परसाई

यह चिट्ठी महात्मा मोहनदास करमचंद गाँधी को पहुंचे. महात्माजी, मैं न संसद-सदस्य हूँ, न विधायक, न मंत्री, न नेता. इनमें…

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बिन ब्याही लड़की की चिता

पुराने समय की बात है. गोपिया एक दिन घर के आंगन में बैठे-बैठे अपनी दो-ढाई वर्ष की लड़की कुसुमा का…

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लपूझन्ना जादू है!

किताब उठाते ही लगता है किसी जादूगर ने काले लंबे हैट में हाथ डालकर एक कबूतर निकाल दिया हो. किताब…

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