ठठ्वाणी और चौलाई के लड्डू का स्वाद तो उत्तराखंड के लोग खूब जानते हैं लेकिन अब इसे पूरा विश्व जानेगा.…
पहाड़ में अपनी भावनाओं को रेखाओं, आकृतियों का रूप दे उनमें रंग भर जीवंत कर देना हर घर-आँगन, देली-गोठ और…
मेरी पैदाइश और परवरिश कई छोटे कस्बों एवं नगरों में हुई है, इसके बावजूद मेरा अपने पैतृक स्थान से अलग…
मैदान में रहकर पहाड़ के लिये वॉव, ब्यूटीफूल, अमेजिंग, सुंदर, अद्वितीय, अद्भुत के सिवाय और किसी शब्द नहीं निकलते लेकिन…
रामगढ़ ब्लॉक के ओड़ाखान गांव निवासी कमला नेगी को लोग "टायर डॉक्टर" के नाम से भी जानते हैं. जाने भी…
ढांटा ब्या उत्तराखण्ड के खशों में प्रचलित तथा सामाजिक मान्यता प्राप्त निरनुष्ठानिक विवाह का एक प्रकार था. इसमें कोई सधवा…
यूं तो कुमाऊँ में ईस्ट इंडिया कंपनी का प्रवेश 8 मई 1815 को कुमाऊँ के कमिश्नर आफ रेवन्यू के रूप…
पहाड़ में पूर्णिमा का खूब महत्त्व है फिर इसे धर्म की आस्था से जोड़कर देखा जाय या लोकजीवन से. चांद…
पिथौरागढ़ नगर के पूरब में एक सुंदर सा गाँव है द्यौत जिसे देवत भी कहते हैं. गांव वाले जहां से…
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree गरीब तो बहुत होते हैं पर वह निहंग…