समाज

उत्तराखण्ड की शौर्य गाथा एक कैलेंडर में

प्रज्ञा आर्ट्स थिएटर ग्रुप कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है. दिल्ली से संचालित होने वाले थियेटर…

4 years ago

थोकदार: मध्यकालीन उत्तराखण्ड का महत्वपूर्ण पद

मध्यकालीन उत्तराखण्ड में थोकदार का पद बहुत महत्वपूर्ण हुआ करता था. थोकदार का काम भी बूड़ों और सयानों जैसा ही…

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उत्तरकाशी के जन संघर्षो का महानायक: कमला राम नौटियाल

बाईस बरस की आयु में एक नौजवान अपने आस पास की दुनिया में बदलाव के लिए "उत्तरकाशी भ्रष्टाचार निरोधक संघ"…

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48 साल पहले आज ही के दिन पिथौरागढ़ महाविद्यालय के छात्रों पर गोली चली थी

पिथौरागढ़ महाविद्यालय को बने अब आठ एक साल हो चुके थे. 1970 में महाविद्यालय ने ईश्वरी दत्त पन्त के रूप…

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पहाड़ी गांवों और शहरी कस्बों के बीच चौड़ी होती खाई

मैं उत्तराखंड का रहने वाला हूं, पर्वतीय जिले अल्मोड़ा के मुख्यालय में या वहां की आम भाषा में कहूं तो…

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उदय शंकर के अल्मोड़ा छोड़ जाने के पीछे जनश्रुतियां

उदय शंकर का कुमाऊँ के पर्वतीय क्षेत्रों विशेष रूप से अल्मोड़ा से प्रेम ही था जो नृत्य सम्राट को अल्मोड़ा…

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उत्तराखण्ड के सुदूर गांवों तक विकास का रथ कभी नहीं पहुंचता

इस बार एक लंबे अंतराल के बाद सुदूर हिमालय की तलहटी में बसे अपने सीमांत गाँव डौणू, बेरीनाग, जिला पिथौरागढ़…

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ग्यांजू: एक जोशीले सरल पहाड़ी की लोककथा

वह एक तो शरीर से टेढ़ा-मेढ़ा बेढब था, दूसरा दिमाग से पैदल था. कोई भी बात उसकी समझ में देर…

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शहर लौटने से पहले आमा और पोते के मन का उड़भाट

जगथली गाँव से दादा का संदेशा आया है कि बुधवार की सुबह पहली बस से निकलेंगे. गंगोलीहाट-हल्द्वानी वाली केमो आठ…

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पहाड़ का संपन्न किसान शरणार्थी बन गया

आपदाएं आती हैं और चली जाती हैं. आपदाओं का विध्वंसक रूप कुछ दिनों अखबार और टीवी पर दिखता है. इसी…

4 years ago