महेन्द्रचंद (1788-91) चंद राजवंश का अंतिम शासक था. सन् 1791 में गोरखों के साथ हुए हवालबाग युद्ध पराजित होकर कुमाऊँ…
केदार घाटी का गाँव 'आश्रम'. यहीं परमेश्वरानन्द और उनकी सती-साध्वी पत्नी पार्वती रहती थी. सुबह-शाम अपने इष्टदेव की आराधना करते…
चन्द्र सिंह राही, ग्रामोफोन, कैसेट, सी. डी. दौर की पहली पीढ़ी के गढ़वाली लोकगायकों में से एक थे. उनका जन्म…
दून घाटी में प्रवेश करते ही साल के खूबसूरत जंगल आपका स्वागत करते हैं. इस घाटी में आप चारों तरफ…
उत्तराखंड का गढ़वाल हिमालय अपनी नैसर्गिक सुन्दरता तथा पवित्र वातावरण के लिए प्रसिद्ध रहा है. यह क्षेत्र भारतीय संस्कृति की…
क्रिसमस-युद्धविराम, प्रथम विश्वयुद्ध की सबसे प्रसिद्ध उपकथाओं में से एक है. पूरी तरह से अनऑफिशियल और तात्कालिक ये युद्धविराम 24-25…
’प्राणो वा अन्नः’ अन्न ही प्राण है, यह वेदोक्त बात है. अन्न को ब्रह्म का स्वरूप भी कहा गया है,…
वैसे हम पहाड़ी पहले ही सरकारी सिस्टम की मार झेल रहे हैं. पहाड़ के अस्पतालों में डॉक्टर नहीं हैं. स्कूलों…
एक कव्वा था. उसकी दो सैंणियाँ थीं. एक नई जवान देखणंचाणं थी, दूसरी उतनी सुन्दर तो नहीं थी. पर होशियार…
श्रीकृष्ण के बाल्यकाल में यमुना के तट पर उनका कालियनाग से संघर्ष का वर्णन मिलता है. श्रीकृष्ण और कालिय नाग…