धारचूला की चौदांस पट्टी रहने वाले रं संस्कृति के लोग हर बारहवें वर्ष कंगडाली का त्यौहार मनाते हैं. इस पर्व…
अक्सर यहां के लोग यह भी कहा करते हैं कि हमारे जमीनों को गोविंद बल्लभ पंत जैसे राजनेताओं ने पाकिस्तान…
उत्तराखंड का इतिहास भाग – 6 भारत के इतिहास में केवल मौर्य, मुग़ल और ब्रिटिश ही अपने स्वर्णिम दिनों में…
आज स्थिति बिल्कुल अलग हो गई है पूरा हल्द्वानी और उसके आसपास के मीलों तक फैले गांव फतेहपुर, लामाचौड़, लालकुआं…
पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से पश्चिम की ओर एक गांव है सुकौली. सुकौली की जिला मुख्यालय से दूरी लगभग चार किमी…
पिथौरागढ़ के बेड़ीनाग के बौराणी में कार्तिक पूर्णिमा को सैम देवता के मंदिर में मेले का आयोजन किया जाता है.…
पिछले साल 'जमुना लाल बजाज पुरस्कार' से सम्मानित आदरणीय धूम सिंह नेगी के बहुआयामी व्यक्तित्व में अध्यापक, कृषक, सामाजिक कार्यकर्ता…
उत्तराखण्ड में हेनरी रैमजे का युग (1856-1884) ब्रिटिश सत्ता के शक्तिशाली होने का काल था. औपनिवेशिक शिक्षा का प्रारम्भ हुआ…
ईस्ट इंडिया कंपनी का 1815 में उत्तराखण्ड आगमन उत्तराखण्ड में गोरखों के 25 साला सामन्ती सैनिक शाही के अन्त से…
फिलहाल भीमताल में रह रहे रवि पतियाल डायरेक्टरेट ऑफ़ कोल्ड वाटर फिशरीज़ में वैज्ञानिक हैं. धारचूला की चौंदास घाटी…