पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से पश्चिम की ओर एक गांव है सुकौली. सुकौली की जिला मुख्यालय से दूरी लगभग चार किमी है. इसी गांव में पिथौरागढ़ नगर का एकमात्र बौद्ध मठ स्थित है. जिसे पूरे नगर में बुद्धा टेम्पल के नाम से भी जाना जाता है. बौद्ध धर्मावलम्बियों द्वारा इसे गोम्पा कहा जाता है. (Buddha Temple in Pithoragarh)
1995 – 96 में लद्दाख लामायुरू के रहने वाले लामा चाम्बा रिंगजिन पिथौरागढ़ की यात्रा पर आये थे. लामा चाम्बा रिंगजिन जी. आई. सी रोड के पास रहने वाले खम्पा परिवार के घर पूजा करने पिथौरागढ़ यात्रा पर थे. खम्पा परिवार के घर पूजा अर्चना के बाद जब लामा चाम्बा रिंगजिन ने सोर घाटी की सुन्दरता को देखा तो उन्होंने नगर में एक बौद्ध मठ बनाने का निश्चय किया. 1999 में सुकौली गांव में 8 नाली जमीन खरीद कर बौद्ध मठ की स्थापना की गयी. इस मठ को बनाने में स्थानीय खम्पा परिवारों का भी विशेष योगदान रहा है. (Buddha Temple in Pithoragarh)
नगर से दूर एकांत में स्थित इस मठ में जाने के लिये रास्ता पिथौरागढ़ डिग्री कालेज के मुख्य द्वारा के साथ से होता हुआ जाता है. मठ जाने के रास्ते में महादेव धारा और कौशल्या देवी मंदिर पड़ते हैं. सुकौली के आसपास के गांव हुडेती, पौण, बिसाड़ हैं.
वर्तमान में गोम्पा की देखरेख लामा चाम्बा रिंगजिन के भतीजे लामा खेन्पो रिंगजिन द्वारा की जाती है. मठ में हमेशा बौद्ध भिक्षुणी कुंजंग मिल जाती हैं. रूचि दिखाने पर कुंजंग बड़े ही आदर से आपको पूरे मठ की जानकारी देती हैं. बौद्ध वास्तुकला के अनुरूप बने इस मठ के पहले तल पर बुद्ध की एक मूर्ति है. यह मूर्ति तांबे की है जिसपर सोने का लेप चढ़ाया गया है. इसके साथ ही इसी कक्ष में बौद्ध धर्म से जुड़ी हुई कुछ अन्य पुस्तकें भी हैं. कमरे की पूरी सजावट बौद्ध वास्तुकला के आधार पर ही की गयी है. मुख्य कक्ष के बाहर एक स्तूप बना है और एक अन्य बौद्ध योगी के साथ एक बुध्द की प्रतिमा भी बनी है.
इस मठ के साथ में आठ कमरों में ध्यान और योग किया जाता है. वर्तमान में इस मठ में 15 लोगों तक के रहने की व्यवस्था है. इस मठ में प्रत्येक वर्ष विदेशी पर्यटक ध्यान और योग के लिये आते हैं.
मठ प्रत्येक दिन सुबह चार बजे और शाम को पांच से छः बजे के बीच पूजा अर्चना होती है. हर साल बुद्ध पूर्णिमा के दिन यहां विशेष आयोजन होता है. पिछले कुछ वर्षों में यह स्थल पिथौरागढ़ में शान्ति के लिये लोकप्रिय हुआ है.
बौद्ध मठ की तस्वीरें ( सभी तस्वीरें पिथौरागढ़ के अखिलेश बोहरा ने ली हैं. )
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