समाज

“हाँ साहब! वह पैठी है मन के भीतर” – गोपाल राम टेलर से महान लोकगायक तक गोपीदास का सफ़र

1900-1902 के बीच कोसी नदी से सटे हुये गांव सकार में ‘दास’ घराने के एक हरिजन टेलर मास्टर के घर…

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दो हजार साल पहले पिथौरागढ़ के तीन ओर था एक सरोवर

वह सरोवर बचपन में अपने “मुलुक’ (Pithoragarh) के बारे में पूछता था तो दादी बताती थीं एक ऐसे मैदान के…

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मेरे जाने के बाद कोई नहीं गायेगा मालूशाही

उत्तराखंड के महान मालूशाही-गायक गोपीदास के साथ अपनी पहली मुलाक़ात को याद करते हुए जर्मनी के मानवशास्त्री और भारत के…

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सौ साल पुराने कुमाऊँ की तस्वीरें

एक ज़रूरी किताब कुमाऊँ (Kumaon) के बारे में 1905 में छपी ई. शर्मन ओकले (E. Sherman Oakley) की किताब 'होली…

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कालीचौड़ में देवी का सिद्ध पीठ

कालीचौड़ गौलापार में स्थित काली माता का प्रख्यात मंदिर है. हल्द्वानी से 10 किमी और काठगोदाम से 4 किमी की…

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हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने: 66

हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने: 66 पिछली कड़ी का लिंक: हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने- 65 हल्द्वानी (Haldwani)…

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ग्रामीण मेलों के आयोजन में साफ दिखता है प्रशासन का भेदभाव

असंख्य मेले लगते हैं हर साल उत्तराखंड में उत्तराखंड सरकार का संस्कृति मंत्रालय अपनी संस्कृति को बचाने के नाम पर…

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नैनीताल के अवस्थी मास्साब

वह 1984 की गर्मियों के दिन थे और दिलकश नैनीताल हमेशा की तरह सैलानियों की गहमा-गहमी में डूबा हुआ था.…

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उत्तराखंड में रानीबाग के जियारानी मेले की तस्वीरें

जियारानी (Jiarani) कत्यूरी वंश की रानी थी. खैरागढ़ के कत्यूरी सम्राट प्रीतमदेव उनके पति हुआ करते थे. हल्द्वानी शहर, उत्तराखंड…

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बचपन की यादों का पिटारा घुघुतिया त्यार

[उत्तराखंड  (Uttarakhand) में मनाया जाने वाला घुघुतिया त्यार (Ghughutiya)अब वैसे उत्साह से नहीं मनाया जाता. एक समय बच्चों के सबसे…

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