समाज

कुमाऊं के चन्दवंशी राजा रुद्रचन्द के दरबार में आया करते थे बीरबल

कुमाऊँ के मध्यकालीन शासकों में चंद्रवंशी राजा रुद्रचन्द ख़ास महत्त्व रखते हैं. रुद्रचन्द स्वयं विद्वान थे और विद्वानों का आदर…

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तीदांग के चार राठ, चार सौ मवासों की कहानी

ह्या छूङ की कृपा से तीदांग की दल-दल भूमि सूख कर हरे-भरे घास के मैदान में परिवर्तित हो चुकी थीं.…

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विनय कुमार के कैमरे से उत्तराखण्ड का प्राकृतिक सौन्दर्य

विनय कुमार देहरादून में रहते हैं. विनय उत्तराखण्ड सरकार की प्रशासनिक सेवा के पहले बैच के अधिकारियों में से हैं.…

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रं समाज में विवाह पद्धतियां

रं समाज में मुख्यतः एकल विवाह ही होता है, परन्तु कभी-कभी बच्चे नहीं होने की दशा में या पत्नी की…

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रौंकली पहलवान की दादागिरी के किस्से

पुराने जमाने में हमारे दादा-दादी (लला-त्यित्यि) व माता-पिताजी कहानियां सुनाया करते थे. ये कहानियां काल्पनिक न होकर सच्ची घटनाओं पर…

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उत्तराखंड के सबसे गरीब गांव से तस्वीरें

वनराजी, वनरौत या वनरावत उत्तराखंड की एक जनजाति है. वनराजी उत्तराखंड के दो जिलों पिथौरागढ़ और चम्पावत में रहते हैं.…

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अस्कोट में आज भी मौजूद है पाल शासकों का महल

उत्तराखण्ड के शासकों में से ही रहे हैं पाल शासक. पाल वंश उत्तराखण्ड की कत्यूरी वंश परंपरा की ही एक…

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गढ़वाल के मन्दिरों का स्थापत्य

बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री आदि जैसे प्रख्यात तीर्थों की भूमि गढ़वाल में स्थान स्थान पर अनेकों प्राचीन मंदिर विद्यमान हैं…

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पाताल भुवनेश्वर : रहस्यों से भरी एक पवित्र गुफा

पिथौरागढ़ जिले में स्थित गंगोलीहाट तहसील के मुख्यालय से 16 किमी की दूरी पर स्थित है पाताल भुवनेश्वर. गंगोलीहाट तहसील…

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बाणासुर के खून के कारण ही लोहाघाट की मिट्टी लाल है

ऋग्वेद के शम्बर प्रसंग के अनुसार बाणासुर हिमालय में रहने वाले एक असुर थे. वायुपुराण में शतश्रृंग पर्व पर असुरों…

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