समाज

उत्तराखण्ड में गोरखा शासन की क्रूर न्याय-प्रणाली और दण्ड-विधान

गोरखा शासनकाल उत्तराखण्ड में गोरख्याणी के नाम से जाना जाता है. सन् 1790 ई. में चैतरिया बहादुर शाह, सेनापति काजी…

2 years ago

कुमाऊँ में कपड़े और रस्सियाँ बनाने के लिए रेशा निकालने के परम्परागत तौर-तरीक़े

पहनावा या वेशभूषा किसी भी समाज की सांस्कृतिक पहचान है. कुमाऊँ के ठण्डे मौसम में अच्छे गर्म वस्त्रों का उपयोग…

2 years ago

उत्तराखंड के इस गांव का नाम अमरीका क्यों पड़ा

यदि आपके पास पासपोर्ट और वीजा नहीं है, कोई टेंसन की बात नहीं, आप बेखौफ अमरीका की सैर कर सकते…

2 years ago

उत्तराखंड के जननायक शमशेर सिंह बिष्ट का जन्मदिन है आज

शमशेर सिंह बिष्ट ठेठ पहाड़ी थे. उत्तराखंड के पहाड़ी ग्राम्य जीवन का एक खुरदुरा, ठोस और स्थिर व्यक्तित्व. जल, जंगल…

2 years ago

सासु बनाए ब्वारी खाए

पिछली कड़ी- राजा-पीलू की जोड़ी शादी के अगले दिन की सुबह हर नयी बहू के लिए कभी न भुलायी जाने…

2 years ago

यूं ही कोई पहाड़ी अपना घर नहीं छोड़ता

एक पहाड़ी अपना गांव अपनों के बेहतर भविष्य के लिए छोड़ता है. समतल और सरल दिखने वाले मैदानों में पहाड़ी…

2 years ago

क्या सुभाष चन्द्र बोस की मृत्यु देहरादून में हुई

कई सारे लोग आज भी यह मानते हैं कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की मृत्यु 1945 की विमान दुर्घटना में…

2 years ago

नेताजी को उत्तराखंडी जांबाजों पर था सबसे ज्यादा भरोसा

सुभाष चन्द्र बोस ने 21 अक्टूबर 1943 को आज़ाद हिन्द सरकार का गठन किया था. 1942 में द्वितीय विश्व युद्ध…

2 years ago

राजा-पीलू की जोड़ी

पिछली कड़ी - स्कूल की पाटी और भाई-बहन की मीठी नोक-झोंक प्राप्ति-प्रियम गाड़ी में पीछे बैठे हुए हैं और हम…

2 years ago

हल्द्वानी की जामा मस्जिद और अब्दुल्ला बिल्डिंग का इतिहास

बहुत पुरानी बात नहीं है जब हल्द्वानी की कई जगहों को वहाँ बने थोड़ा बड़े भवनों के नाम से जाना…

2 years ago