इतिहास

कम शातिराना नहीं था हल्द्वानी की राजनीति में छोटेधोती-बड़ीधोती का खेल

बात स्वराज आश्रम से चल कर आजादी के दीवानों की हो रही थी. इसी क्रम में वर्तमान राजनीति पर चर्चा…

4 years ago

कुमाऊं में आजादी के सभी केन्द्रों की धुरी था हल्द्वानी का स्वराज आश्रम

आजादी के बाद और कुछ हुआ हो या न हो पर जिन्हें कोई नहीं जानता था वह ऊंची सीढ़ियां चढ़…

4 years ago

धारचूला में पहले टेलीफोन की पचास साल पुरानी याद

धारचूला में टेलीफोन का पदार्पण 1961 में तहसील बनने के बाद ही हुआ होगा क्योंकि उससे पहले उसके आने की…

5 years ago

जब पहाड़ों में मां रोते हुए बच्चे से कहती थी चुप जा नहीं तो ‘हुणियां’ आ जायेगा

छुटपन में बच्चे जब किसी चीज के लिए जिद करते तो डराया जाता - चुप जा, नहीं तो 'हुणियां’ आ…

5 years ago

हल्द्वानी को व्यापार केंद्र बनाने के लिए हेनरी रैमजे ने काशीपुर से व्यवसायियों को बुलाया

कालाढूंगी चौराहे पर एक पेड़ के नीचे कालू सैयद या कालू सिद्ध बाबा के नाम पर लोग गुड़ चढ़ाते हैं.…

5 years ago

भाबर क्षेत्र में सहकारिता के जनक के रूप में जाने जाते हैं हीरा बल्लभ पांडे

आज का नैनीताल डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड जिस शान से खड़ा है और अपने कारोबार के डंके बजा रहा है…

5 years ago

जो काम राज्य सरकार आज करने को कह रही है, अमर सिंह रावत उसे नब्बे साल पहले कर चुके थे

[फेसबुक में उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री के साथ मंत्रीजनों को कंडाली/सिसोंण से बनाई 'फतकी' पहने मधुर मुस्कराती फोटो देखी तो…

5 years ago

भारत की दस सबसे पराक्रमी रानियों में गढ़वाल की रानी कर्णावती

शाहजहाँ के राज्याभिषेक का समय था भारत के बड़े-बड़े राजा उसके दरबार में नतमस्तक होने गए थे लेकिन गढ़वाल के…

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कत्यूरी राजवंश: उत्तराखण्ड का शक्तिशाली साम्राज्य

कत्यूरी राजवंश ने उत्तराखण्ड पर लगभग तीन शताब्दियों तक एकछत्र राज किया. कत्यूरी राजवंश की ताकत का अंदाजा इस बात…

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1914 में बनी थी नैनीताल की दुर्गालाल साह लाइब्रेरी

[पिछली क़िस्त: हल्द्वानी की सबसे पुरानी संगीत संस्था] नैनीताल में दुर्गालाल साह पुस्तकालय की अलग पहचान है. इस पुस्तकालय की स्थापना…

5 years ago