इतिहास

थोकदार: मध्यकालीन उत्तराखण्ड का महत्वपूर्ण पद

मध्यकालीन उत्तराखण्ड में थोकदार का पद बहुत महत्वपूर्ण हुआ करता था. थोकदार का काम भी बूड़ों और सयानों जैसा ही…

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48 साल पहले आज ही के दिन पिथौरागढ़ महाविद्यालय के छात्रों पर गोली चली थी

पिथौरागढ़ महाविद्यालय को बने अब आठ एक साल हो चुके थे. 1970 में महाविद्यालय ने ईश्वरी दत्त पन्त के रूप…

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भवाली की लल्ली क़ब्र का रहस्य और पुरानी यादें

भारत रत्न पं. गोबिन्द बल्लभ पन्त की कर्मभूमि एवं उनके सुपुत्र स्व. कृष्ण चन्द्र पन्त की जन्मस्थली का गौरव हासिल…

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उत्तराखंड का एक गांव जहां की रामलीला में हनुमान नहीं होते

उत्तराखंड के चमोली जिले में नीति घाटी में बसा एक गांव है द्रोणगिरी. द्रोणगिरी चमोली की जोशीमठ तहसील में आता…

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बैरासकुण्ड: जहां रावण ने मुण्डों की आहूति देकर ब्रह्मा जी को रिझाया था

उत्तराखण्ड के जिस स्थान पर रावण ने मुण्डों की आहूति देकर पितामह ब्रह्मा को रिझाया था, उस स्थान का नाम…

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अद्भुत है उत्तराखंड में रामलीलाओं के मंचन की परम्परा

प्राचीनकाल से ही उत्तराराखण्ड का सम्बन्ध रामभक्ति परम्परा से रहा है. डॉ0 शिवप्रसाद नैथानी के कथनानुसार - श्रीराम कथा के…

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गढ़वाल में रामलीला के मंचन का इतिहास

रामलीला पर्वतीय प्रदेश उत्तराखण्ड के विभिन्न स्थानों में आयोजित की जाती रही है, जिनमें सर्वप्रथम अल्मोड़ा कुमांउनी रामलीला की जन्मस्थली…

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कुमाऊं के पंत ब्राह्मणों का पश्चिमी एशिया से संबंध

आठवीं शताब्दी में गुजरात में मुसलमान आक्रमणकारियों द्वारा सत्ता हथिया ली गई थी. यह संभव है कि उस समय कोई…

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भोटान्तिक व्यापार के रास्ते, तरीके और माल असबाब

मल्ला दारमा के भोटान्तिकों का व्यापार पथ जो अजपथ और अश्व पथ से विकसित हुआ वह दारमा दर्रे (18510फ़ीट) से…

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जिनके बिना भवाली का इतिहास अधूरा है

ब्रिटिश शासन के दौरान ही भवाली के पास नैनीताल-हल्द्वानी रोड पर लगभग एक किमी की दूरी पर वर्ष 1912 में…

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