कॉलम

जामुन के पेड़ वाला भूत बनना है मुझे

मरने के बाद लोग कहां रहते हैं, मुझे पूरा पता है. गांव के धुनकारी मरने के बाद नीम के पेड़…

6 years ago

सिनेमा: महिलाओं के दुःख और उससे मुक्ति की छटपटाहट का फिल्मांकन

ईरानी महिला फ़िल्मकार 'मरजियेह मेश्किनि' की पहली फ़िल्म 'द डे व्हेन आई बीकेम वुमन' तीन छोटी फ़िल्मों में से दूसरी…

6 years ago

कहो देबी, कथा कहो – 6

पिछली कड़ी वे कहानियां ओ हो, वह आंगन में घुघुते-घुघतियों का दाने चुगना! टोकरी के भीतर उन्हें पकड़ने की कोशिश...…

6 years ago

राजकुमारी, राजा और एक आदमी की कथा

अफ्रीकी लोक कथाएँ - 5 कुछ समय पहले जंगल में एक अकेला शिकारी रहता था. उसका कोई परिवार नहीं था…

6 years ago

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 5

पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से…

6 years ago

आँसुओं से बनी है टिहरी झील

टिहरी को बाँध बनने से पहले न देख पाने का अफसोस तो हमेशा ही रहा इसलिए इस बार मैंने बाँध…

6 years ago

ग्रीन बोनस पर मुखर होने का समय आ गया है

हम हिमालय के चौकीदार, मांग रहे अपनी पगार उत्तराखंड में निर्माणाधीन ऑल वेदर रोड पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय के पर्यावरण…

6 years ago

चेहरों पर पहाड़ का दर्द उकेरता कलाकार

सन 1977 में जब मैंने ‘स्वतंत्र भारत’ से पत्रकारिता की शुरुआत की तो साहित्यिक-सांस्कृतिक रुचियों के कारण साहित्य, रंगमंच और…

6 years ago

सियार और सूरज

अफ्रीकी लोक-कथाएँ: 4 बहुत पुरानी बात है जब आदमी जानवर थे और जानवर आदमी, एक सियार अपने बूढ़े पिता के…

6 years ago

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 4

पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से…

6 years ago