कॉलम

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 121

डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…

6 years ago

रुपहले पर्दे पर परिवार रचने वाले राजकुमार बड़जात्या का निधन

'मैने प्यार किया' के प्रोड्यूसर बड़जात्या को कौन भूल सकता है. वे निर्देशक सूरज बड़जात्या के पिता थे. बड़जात्या की…

6 years ago

ठैरा और बल से आगे भी बहुत कुछ है कुमाऊनी में

आज अन्तराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस है. कुमाउंनी में मातृभाषा के लिये अगर सबसे उपयुक्त शब्द नज़र में आता है वह है…

6 years ago

नामवर सिंह: साहित्यिक-वाचिक परंपरा के प्रतिमान

'तुम बहुत बड़े नामवर हो गए हो क्या.' नामवर का नाम एक दौर में असहमति जताने का एक तरीका बनकर…

6 years ago

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 120

डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…

6 years ago

समकालीनता अब छुटभैयों का अभ्यारण्य है

किस बात के नामवर? लेखन के, समालोचन के, अध्ययन के, अध्यापन के, सम्पादन के, वक्तृत्व के या इन सबसे इतर…

6 years ago

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 119

डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…

6 years ago

मेले में अकेले

कहो देबी, कथा कहो – 35 पिछले कड़ी- कहो देबी, कथा कहो – 34 उन्हीं दिनों एक लंबी यात्रा पिथौरागढ़…

6 years ago

हिसालू की जात बड़ी रिसालू

मई जून की गर्मियों में उत्तराखंड (Uttarakhand) के पहाड़ों में कंटीली झाड़ियों के बीच उगने वाला एक रसदार फल होता…

6 years ago

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 118

डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है - “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि…

6 years ago