कॉलम

हीरा-लीक्स

गुडी गुडी डेज़ अंतर देस इ उर्फ़… शेष कुशल है! भाग – 20 अमित श्रीवास्तव हीरामन के पास एक बक्सा…

6 years ago

भाई साहब! मैं बाल कवि नहीं हूँ!

उसका वहां होना, जहां उसे नहीं होना चाहिये था, स्वयं में एक घटना थी. सभागृह- प्रेक्षागृह, वाचनालय- पुस्तकालय, विश्वविद्यालय-मदिरालय, ऐसे…

6 years ago

अंग्रेजों के ज़माने में रॉबर्स केव कहलाता था देहरादून का गुच्चुपानी

देहरादून में देहरादून की व्यस्त और प्रदूषित सड़कों से बाहर निकलकर कुछ ऐसी जगहें भी हैं जो बेहद खूबसूरत और…

6 years ago

पार्वती की ख़ुशी है फुल्यारी की संग्रांद

हे! बीरा फूफू, हे! बीरा फूफू, हे! बैरी (बहरी,) हे! सुनती है कि नहीं, मैं अपनी छज्जा के किनारे तब…

6 years ago

बंपुलिस… द एंग्लो इंडियन पौटी – बटरोही की कहानी

काफल ट्री में नियमित कॉलम लिखने वाले लक्ष्मण सिंह बिष्ट 'बटरोही' का जन्म 25 अप्रैल 1946 को अल्मोड़ा के छानागाँव…

6 years ago

अगर आप रो नहीं सकते तो आपको हंसने का कोई हक़ नहीं

चार्ली चैप्लिन (Charlie Chaplin) के बहाने कुछ फिल्मों के कुछ फ्रेम्स की याद एक फ्रेम है 'सिटी लाइट्स' मूवी में…

6 years ago

पिता द्वारा टट्टी में सनी नेपियां साफ करने से मेरी ममता में कमी तो नहीं आ जाएगी!

4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम - तीसरी क़िस्त पिछली क़िस्त का लिंक: तुम्हारी मां अपनी मां की…

6 years ago

समय के थपेड़े

कहो देबी, कथा कहो – 41 पिछली कड़ी- कहो देबी, कथा कहो – 40 कई बार सोचता था कि समय…

6 years ago

मैं क्यों चलता था 15 किलो बोझ लादे बिजली के खंभे पर संतुलन बनाता

पहाड़ और मेरा जीवन –29 हमारे परिवार के जम्मू से ठूलीगाड़ आने की वजह पिताजी थे, जिन्होंने फौज में अफसर…

6 years ago

ऐतिहासिक स्याल्दे बिखौती मेले की तस्वीरें

स्याल्दे बिखौती मेले का आयोजन शुरू हो चुका है. आल, नौज्यूल, गरख धड़े के थोकदार और प्रधान नगाड़े, निशानों, ढाल,…

6 years ago