कॉलम

पीके: आस्था के नाम पर पनप रहे अंधविश्वास पर तार्किक चोट करती फिल्म

ट्रांजिस्टर लटकाए हुए रिमोट खोजने की जद्दोजहद. अबोध सवाल. जिज्ञासा भरे सवाल. अजीबोगरीब हरकतें. जवाब देने वालों का उससे पूछना,…

6 years ago

नैनीताल फूड प्रोडक्टस: पचास हजार की पूंजी से करोड़ों की कंपनी तक

संजीव भगत कुमाऊँ के उन गिने-चुने लोगों में हैं जिन्होंने मामूली पूंजी से सफल उद्यम खड़ा कर एक मिसाल कायम…

6 years ago

लोकतंत्र के पहरुवे

गैरीगुरु की पालिटिकल इकानोमी : अथ चुनाव प्रसंग-4 पिछली कड़ी- घोषणा पत्रों में चरम सुख बाजार की उथल-पुथल भरी खबर…

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तूतू – मैंमैं

'आखिर हुआ क्या?' 'होना क्या था? वो हमें बाज़ार में मिले. हमे बहुत जाने-पहचाने से लगे.' 'फिर?' 'हम भी उन्हें…

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भगवान शिव के विषय में मजाक-छेड़छाड़ भरा गीत

'बोल गोरी बोल, तेरा कौन पिया...' गीत, फिल्म मिलन (1967) का एक पॉपुलर गीत है, जो सुनील दत्त और जमुना…

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व्यंग्य का जन्म किस प्रकार होता है?

कल एक मित्र का फोन आया. मित्र मुम्बई में हैं, और अभिनय के क्षेत्र में अपना नाम कमा रहे हैं.…

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हेमवती नंदन बहुगुणा : इंदिरा युग में इंदिरा गांधी को चुनौती देने वाला राजनेता

अगर इतिहास में एक ऐसे व्यक्ति की खोज की जाय जो उत्तराखंड का हो और पहला ऐसा व्यक्ति हो जिसने…

6 years ago

भगवान तुलसीदास गलत नहीं लिख सकते

बुआजी के एक विधुर जेठ थे, जिन्हें घर के सब लोग ‘बड़े बाबजी’ पुकारते थे. मझोले कद के बड़े बाबजी…

6 years ago

गीतकार योगेश के गीत के लिए मुकेश को मिला इकलौता राष्ट्रीय पुरस्कार

पार्श्वगायक मुकेश ने हिंदी सिनेमा को एक-से-एक नायाब नगमे दिए. उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड तो कई मिले (चार बार), लेकिन राष्ट्रीय…

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बाजार ने हम सबको बिगड़ैल बच्चा बना दिया है

4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – चौथी क़िस्त पिछली क़िस्त का लिंक: पिता द्वारा टट्टी में सनी…

6 years ago