कॉलम

जिन्दगी में तीन सम्बन्ध कभी नहीं मिटते

17 जुलाई, 1969 को ठीक पचास साल पहले, आज ही के दिन. Tara Chandra Tripathi Memoir by Batrohi डिग्री कॉलेज…

4 years ago

सावन के महीने देवता कैलाश में जुआ या अन्य बाजियां लगाते हैं : सीमांत की अनूठी मान्यता

सावन का महीना और आप यदि सीमांत के किसी गाँव मे जाते हैं तो हर घर में एक ही चीज…

4 years ago

रूमानी नहीं रौद्र होता है पहाड़ों का सावन

 भूगोल न सिर्फ़ खानपान, वेशभूषा, आवास को बल्कि साहित्य को भी प्रभावित करता है. खासकर गीतों को. सावन को ही…

4 years ago

छोटी सफलताएं बनेंगी बड़ी सफलता की सीढ़ियां

क्या आप जीवन में एक सफल इंसान बनना चाहते हैं? सफल होने के मायने हैं कि जो भी पेशा आपको…

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उस जमाने का रिजल्ट जब लट्ठ, बिच्छू घास और चप्पलें ही बड़े-बुजुर्गों के आंणविक व विध्वंसक हथियार होते थे

अभी हाल में हर तरह के बोर्ड के रिजल्ट निकल आए हैं. कुछेक निकलने बांकी हैं. वैसे इस कोरोनाकाल में…

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लकड़ी की पाटी, निंगाल की कलम और कमेट की स्याही : पहाड़ियों के बचपन की सुनहरी याद

करीब एक फीट चौड़ी तो डेढ़ फीट लम्बी और आधा इंच मोटाई की तख्ती. इसकी लकड़ी होती रीठा, पांगर, तुन,…

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उत्तराखंड के जिस घर में चंद्रशेखर आजाद रहे आज वह उपेक्षित पड़ा है

गुलाम भारत में ये दौर था वर्ष 1930 के अगस्त माह के दूसरे सप्ताह का. जब चंद्रशेखर "आजाद", हजारीलाल, रामचंद्र,…

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तारा दत्त भट्ट की पहाड़ी जड़ी-बूटियों से बनी पकौड़ियों के मुरीद अटल बिहारी वाजपेयी तक थे

नैनीताल जिले के अंतर्गत आने वाला एक गाँव है मल्ला रामगढ़. भवाली से लगभग यही कोई 14 किमी के आस…

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देहरादून के घंटाघर का रोचक इतिहास

ऐसी तस्वीर जिसको देखते ही हर देखने वाले की जुबान पर इस जिले का नाम आ जाये तो वह तस्वीर…

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हरेला पर हो हल्ला नहीं, रोपें संस्कारों के बीज

जी रया, जाग रया, यो दिन यो मासन भेटनै रया ... सिर पर हरेला (हरे तिनके) रखते हुए इन आशीर्वाद…

4 years ago