पिछली कड़ी : छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : तू भी मिला आशा के सुर में मन का ये एकतारा हरिनन्दन निवास- यह…
पोखरा नेपाल से मुस्तांग जाते बादलों की अठखेलियों में मगन हिमालय की दृश्यावलियाँ : –प्रोफेसर मृगेश पाण्डे जीवन भर उत्तर…
पहाड़ में आण-काथ-लोक गाथाओं का अक्षय भंडार हुआ जिनके असंख्य किस्से आमा-बुबू के मुँह से नानतिनों तक पहुँच सुनहरी यादों…
अपने सपनों को पूरा कर अपने परिवार का सहारा बनने की चाह में न जाने कितनी किशोरियां ताउम्र बेबसी और…
तिब्बती में लो का मतलब है वर्ष या साल और सर से अभिप्राय है नया. बौद्ध पंचांग के अनुसार वर्ष…
फागुन कृष्ण चतुर्दशी के दिन शिव-पार्वती विवाह के पर्व रूप में मनाई जाती है शिव रात्रि. मान्यता है कि इसी…
पहाड़ को बजट से बड़ी उम्मीद बंध गईं हैं. इसे तत्पर और जिम्मेदार बजट की संज्ञा दी गयी है यह…
पिछली कड़ी यहां पढ़ें- छिपलाकोट अंतर्यात्रा : कभी धूप खिले कभी छाँव मिले- लम्बी सी डगर न खले मनीराम पुनेठा…
अस्सी पार कर चुके हैं लोहनी जी. टनकपुर में उनका घर ढूंढने में कोई देर न लगी. सड़क पर एक…
भक्तों के मन की इच्छा पूरी करने वाला देवी भगवती का मंदिर 'मनकामना को चिनो' मनकामना मंदिर नेपाल का एक…