कला साहित्य

लोक कथा : सौतेली माँ

एक दिन एक ब्राह्मण ने अपनी पत्नी को अपने बिना खाना खाने से मना किया ताकि कहीं ऐसा न हो…

1 year ago

पांडेय बेचन शर्मा ‘उग्र’ की कहानी जल्लाद

प्रातः आठ साढ़े आठ बजे का समय था. रात को किसी पारसी कम्पनी का कोई रद्दी तमाशा अपने पैसे वसूल…

1 year ago

ज्ञानरंजन की कहानी ‘अनुभव’

1970 की गर्मियों का प्रारंभ था. गंगा के मैदान में गर्मियों के बारे में सभी जानते हैं. यहाँ पर मौसम…

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जो परदेश रहता है उसी की इज़्ज़त होती है

पहाड़ से मैदान की ओर जाने पर लगता है जैसे सीढ़ी से उतरते हुए चौक में आ रहे हों. कोटद्वार…

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जुगल किशोर पेटशाली की पुस्तकों का विमोचन

दून पुस्तकालय एवम् शोध केंद्र की ओर से लोक संस्कृतिविद् जुगल किशोर पेटशाली की कुमाऊं की लोकगाथाओं पर आधारित पुस्तक…

1 year ago

पहाड़ के कथा शिल्पी शैलेश मटियानी की कहानियां अब उर्दू में भी

हल्द्वानी के फ़रीद अहमद ने किया ‘शैलेश मटियानी’ की कहानियों का उर्दू अनुवाद उत्तराखण्ड के बाड़े छीना (अल्मोड़ा) में जन्मे,…

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मुंशी प्रेमचंद की कहानी ‘सौत’

जब रजिया के दो-तीन बच्चे होकर मर गये और उम्र ढल चली, तो रामू का प्रेम उससे कुछ कम होने…

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‘सोना की नथ’ एक पहाड़ी लड़की की कहानी

उसका नाम सोनी था और लोग प्यारवश उसे सोना कहते. बचपन से ही उस के सौंदर्य को देख लोग कहा…

2 years ago

आर. के. नारायण की कहानी ‘बीवी छुट्टी पर’

कन्नन अपनी झोपड़ी के दरवाजे पर बैठा गाँव के लोगों को आते-जाते देख रहा था. तेली सामी अपने बैल को…

2 years ago

जैनेन्द्र कुमार की कहानी ‘पत्नी’

शहर के एक ओर तिरस्कृत मकान. दूसरा तल्ला, वहां चौके में एक स्त्री अंगीठी सामने लिए बैठी है. अंगीठी की…

2 years ago