कला साहित्य

जन्मदिन पर सफ़दर हाशमी की याद

साल 1989 का पहला दिन यानी एक जनवरी था. उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद जिले के साहिबाबाद में सफ़दर हाशमी (Safdar…

5 years ago

एक रुपये के मर जाने से दुनिया किसी संकट में नहीं फँसेगी

1954 में उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद में जन्मे अष्टभुजा शुक्ल (Ashtbhuja Shukla) वर्तमान हिन्दी कविता के सबसे महत्वपूर्ण हस्ताक्षरों…

5 years ago

मैं चमारों की गली तक ले चलूँगा आपको

मशहूर जनकवि और शायर आदम गोंडवी की यह रचना अब एक कल्ट बन चुकी है. जातिवाद की अग्नि में झुलस…

5 years ago

तारा पांडे जिनके संग्रह की भूमिका मैथिली शरण गुप्त ने लिखी थी

1915 में दिल्ली में जन्मीं तारा पांडे के जीवनवृत्त को ख्यात लेखिका नमिता गोखले ने अपनी प्रसिद्ध किताब ‘माउन्टेन एकोज़’…

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मेरी माँ अब नहीं हैं लेकिन वह नदी अब भी है

आज से नब्बे साल पहले यानी 3 अप्रैल 1929 को शिमला (हिमाचल प्रदेश) में जन्मे निर्मल वर्मा अपने विशिष्ट गद्य…

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अगर समझ सको तो, महोदय पत्रकार!

पत्रकार महोदय - वीरेन डंगवाल 'इतने मरे' यह थी सबसे आम, सबसे ख़ास ख़बर छापी भी जाती थी सबसे चाव…

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तवाघाट कितना कुछ बताता है हमें

लखनऊ में रहने वाले वरिष्ठ पत्रकार-यायावर-कवि गोविन्द पन्त 'राजू' देश के पहले पत्रकार थे जिन्हें अन्टार्कटिका के अभियान में जाने…

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कथाकार पंकज बिष्ट को इस वर्ष का राजकमल चौधरी स्मृति सम्मान

कथाकार पंकज बिष्ट को इस वर्ष के राजकमल चौधरी स्मृति सम्मान (Rajkamal Chaudhari Memorial Award 2019) के लिए चुना गया…

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तब देख बहारें होली की

अठारहवीं शताब्दी के आगरा के शायर नजीर अकबराबादी (Nazeer Akbarabadi 1740-1830) ने अपने आसपास के साधारण जीवन पर तमाम कविताएँ…

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धूमिल की कविता ‘रोटी और संसद’

रोटी और संसद - सुदामा पाण्डेय 'धूमिल' एक आदमी रोटी बेलता है एक आदमी रोटी खाता है एक तीसरा आदमी…

5 years ago