कला साहित्य

‘भँवर: एक प्रेम कहानी’ में प्रेम के कई रंग दिखते हैं

भँवर एक प्रेम कहानी, हाल ही में प्रकाशित उपन्यास है. उत्तराखण्ड के सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक, अनिल रतूड़ीजी, इस कृति के…

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बैरासकुण्ड की यादें

गाँव के अपने घर से निकल कर मंदिर की ओर का रास्ता लेता हूँ . वापिस देहरादून लौटने के पहले…

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कोई दुख न हो तो बकरी ख़रीद लो: प्रेमचंद की कहानी

उन दिनों दूध की तकलीफ थी. कई डेरी फर्मों की आजमाइश की, अहीरों का इम्तहान लिया, कोई नतीजा नहीं. दो-चार…

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जुरमाना : प्रेमचंद की कहानी

ऐसा शायद ही कोई महीना जाता कि अलारक्खी के वेतन से कुछ जुरमाना न कट जाता. कभी-कभी तो उसे ६)…

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पुस्तक समीक्षा – भंवर: एक प्रेम कहानी

भंवर: एक प्रेम कहानी- अनिल रतूड़ी का हाल ही में प्रकाशित उपन्यास है. उपन्यास में लेखक ने लोक-जीवन से भरपूर…

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पहाड़ की स्मृति : यशपाल की कहानी

अब तो मण्डी में रेल, बिजली और मोटर सभी कुछ हो गया है पर एक ज़माना था, जब यह सब…

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फ़ोटोग्राफ़र : क़ुर्रतुल एन हैदर की कहानी

मौसमे-बहार के फलों से घिरा बेहद नज़रफ़रेब1 गेस्टहाउस हरे-भरे टीले की चोटी पर दूर से नज़र आ जाता है. टीले…

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प्रेमचंद की कहानी ‘मंदिर और मस्जिद’

चौधरी इतरतअली ‘कड़े’ के बड़े जागीरदार थे. उनके बुजुर्गों ने शाही जमाने में अंग्रेजी सरकार की बड़ी-बड़ी खिदमत की थीं.…

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गुन्दरू आज भी घर की देली पर खड़ा है : लोककथा

एक बार गाँव के थोकदार जी ने अपने शहर जाते चौदह साल के बच्चे गुन्दरू को वापस  आते समय अच्छा…

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गुरूजी और जोंक

बीसवीं शताब्दी के पहले साल में अपर गढ़वाल में आधुनिक शिक्षा की अलख जगाने वाले इसी ख्याति प्राप्त विद्यालय में…

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