बचपन में रंग-बिरंगी तितली के पीछे भागना कई लोगों का सबसे प्रिय सगल रहा है. अक्सर किताबों में दिखने वाली तितलियाँ पहाड़ में पलने वाले बच्चों के जीवन का असल रंग हुआ करती थी. जिन्दगी की दौड़ में हाड़-तोड़ मेहनत से भागने वाले पहाड़ियों के जीवन से धीरे-धीरे तितलियों के रंग भी उड़ने लगते हैं. कहना न होगा धीरे-धीरे रंग-बिरंगी तितलियाँ बस किताबों और यादों का हिस्सा ही रह जाती हैं.
(Butterfly Pithoragarh Wings Foundation)
बेहद आकर्षक दिखने वाली रंग-बिरंगी तितलियाँ केवल बचपन का नोस्टाल्जिया नहीं हैं बल्कि जलवायु परिवर्तन की सबसे अच्छी सूचक भी मानी जाती हैं. तितलियों का होना, उनका रंग और आकार किसी भी स्थान की जलवायु और भौगोलिक स्थिति का सटीक आंकलन बताते हैं.
बेहद खुबसूरत दिखने वाली तितलियों के विषय में आम लोगों की जानकारी शून्य होती है. मसलन कम ही लोग जानते हैं कि धीरे उड़ने वाली धारीदार तितली जहरीली भी होती है. इस बात की तो आम-जनमानस कल्पना भी नहीं कर सकता कि कोई तितली जहरीली दिखने की कोशिश कर उसे धोखा भी दे सकती है. तितलियों से जुड़ी रोचक और महत्वपूर्ण जानकारी को आम लोगों से साझा कर रही है विंग्स फाउंडेशन. विंग्स फाउंडेशन के सदस्य इस हफ्ते पिथौरागढ़ कस्बे से लगे गांव चंडाक, छेड़ा, नाकोट और मुनस्यारी के आस-पास के गावों में जाकर आम लोगों को तितलियों के बारे में जागरूक तो कर ही रहे हैं इसके साथ वहां मौजूद तितलियों की तस्वीर और संबंधित जानकारी भी एकत्रित कर रहे हैं.
विंग्स फाउंडेशन के निदेशक जगदीश भट्ट ने बताया कि इस प्रकृति की खूबसूरती को सजोकर रखने के काम को उनकी संस्था ने नाम दिया है बटरफ्लाई काउंट. एक बातचीत के दौरान जगदीश बताते हैं कि हम नदी से पहाड़ की ऊँचाइयों तक मिलने वाली तितलियों की गणना कर रहे हैं. ऐसा जब हमने पिछली बार किया तो पिथौरागढ़ जिले में हमने 600 मीटर से 2100 मीटर के बीच हमें 110 तरह की तितलियों की तस्वीरें ली और उनसे जुड़े तथ्य एकत्रित किये. अगले आठ दिनों तक वन विभाग के सहयोग से चलने वाले इस वर्ष के बटरफ्लाई काउंट अभियान के लिये जगदीश और उनकी संस्था ने लोगों से भी इसका हिस्सा बनने की अपील की है.
(Butterfly Pithoragarh Wings Foundation)
विंग्स फाउंडेशन ने एक व्हाट्सएप नंबर और ईमेल आईडी भी जारी की है. जिस पर पाने आस-पास की तितलियों की फोटो भेजकर अन्य लोग भी मदद कर सकते हैं. इस अभियान का हिस्सा बनने वालों को वन विभाग की ओर से एक प्रमाण पत्र भी दिया जायेगा. अगर आप भी तितलियों से जुड़े इस अभियान से जुड़ना चाहते हैं तो 9456575758 पर व्हाट्सएप में संदेश भेज सकते हैं या wingsfoundation@gmail.com पर ईमेल भी कर सकते हैं.
पहाड़ों में इन दिनों जंगलों में आग लगना भी जारी है इस वजह से वन विभाग और विंग्स फाउंडेशन मिलकर ग्रामीणों को जंगल में आग न लगने देने से जुड़ा जागरूकता अभियान भी इसके साथ चला रहे हैं. पिथौरागढ़ जिले में 310 प्रकार की तितलियाँ मिलती हैं जंगलों में लगने वाली आग इनको भी निश्चित ही प्रभावित करती हैं. वनों में लगने वाली आग के सनबंध में डीएफओ कोको रोसो ने पहले ही कड़े निर्देश जारी किये हैं इस बीच उन्होंने जंगलों में आग लगाने वालों पर सीधा मुकदमा दर्ज करने जैसे फैसले लिये. इसके अतिरिक्त बन विभाग की ओर से लोग जंगलों में आग लगाने वालों की सूचना विभाग को दे सकते हैं, सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा.
(Butterfly Pithoragarh Wings Foundation)
विंग्स फाउंडेशन द्वारा पिछली बार बटरफ्लाई काउंट के दौरान इलाके की कुछ तितलियों की तस्वीरें देखिये:
Support Kafal Tree
.
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…
शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…
कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…
शायद यह पहला अवसर होगा जब दीपावली दो दिन मनाई जाएगी. मंगलवार 29 अक्टूबर को…
तकलीफ़ तो बहुत हुए थी... तेरे आख़िरी अलविदा के बाद। तकलीफ़ तो बहुत हुए थी,…
चाणक्य! डीएसबी राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय नैनीताल. तल्ली ताल से फांसी गधेरे की चढ़ाई चढ़, चार…