भारत ने हरित क्रान्ति के अग्रदूतों में गिने जाने वाले बसीश्वर सेन साल 1920 में अल्मोड़ा आकर बस गए थे. बोसी सेन के उपनाम से जाने जाने वाले इस वैज्ञानिक-कृषिशास्त्री ने जवाहरलाल नेहरू के कहने पर अल्मोड़ा में अपनी रिसर्च लेबोरेटरी – विवेकानंद कृषि प्रयोगशाला – स्थापित की थी. Boshi Sen Gertrude Emerson in Almora
उनके साथ उनकी अमेरिकी पत्नी गर्ट्रूड एमर्सन भी रहती थीं. अल्मोड़ा में यह नामचीन्ह जोड़ा कुंदन हाउस में रहता था और उनसे मिलने आने वालों की सूची में देश-विदेश के बड़े-बड़े लोग शामिल थे.इन लोगों में जवाहरलाल नेहरू, रवीन्द्रनाथ टैगोर, डी एच. लॉरेन्स, जूलियन हक्सले, उदय शंकर, कार्ल युंग और इन्दिरा गांधी शामिल थे. मशहूर वैज्ञानिक जगदीश चन्द्र बोस और भगिनी निवेदिता के साथ भी बोसी सेन का बहुत लंबा साथ रहा. Boshi Sen Gertrude Emerson in Almora
डॉ. सेन ने भारत में हरित क्रान्ति का नेतृत्व किया. विविध किस्म के अनाजों की पैदावार किये जाने पर उनका जोर रहा करता था. वे कलकत्ता की विवेकानंद कृषि प्रयोगशाला के संस्थापक थे. इसे उन्होंने बाद में अल्मोड़ा शिफ्ट कर लिया. वे बेहद आध्यात्मिक प्रकृति के व्यक्ति थे और रामकृष्ण मिशन के साथ उनका अन्तरंग सम्बन्ध था. उन्हें वर्ष 1957 में पद्म भूषण दिया गया.
31 अगस्त 1971 को रानीखेत के मिलिट्री हॉस्पिटल में उनकी मृत्यु हुई. उनकी प्रयोगशाला को बाद में सरकार ने अपने नियंत्रण में ले लिया और फिलहाल यह प्रदेश में कृषि अनुसंधान के सबसे बड़े केंद्र के रूप में विकसित हुई है.
1920 में उनकी होने वाली पत्नी अर्थात लेखिका गर्ट्रूड एमर्सन विश्व-भ्रमण के एक दौरे पर निकली थीं इसमें उन्हें स्टंट फ्लाइंग और केविंग भी करनी थी. इस दौरे के बीच में उनकी मुलाक़ात बोसी सेन से हो गयी और दोनों ने लम्बी पहचान के बाद 1 नवम्बर 1932 को शादी कर ली. Boshi Sen Gertrude Emerson in Almora
गर्ट्रूड एमर्सन को अल्मोड़ा और उसके लोगों से बहुत प्रेम था. उनका यह प्रेम उनकी किताबों ‘वॉइसलेस इंडिया’ (1930) और ‘पेजेंट ऑफ़ इंडियाज हिस्ट्री’ (1948) में जाहिर हुआ है. 1982 में 89 साल की आयु में उनकी मृत्यु हो गयी.
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