उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी से करीब 35 किलोमीटर दूर है बिर्थी जलप्रपात. अल्मोड़ा-मुनस्यारी मार्ग के रास्ते में पड़ने वाले तेजम से इसकी दूरी 14 किलोमीटर है. यहाँ पहुँचने का एक और रास्ता कालामुनि पास से होकर जाता है और मुनस्यारी से एक छोटा सा ट्रेक कर के यहाँ पहुंचा जा सकता है. (Birthi Fall Kumaon Uttarakhand)
जुलाई से सितम्बर के महीनों के बीच करीब चार सौ फुट की ऊंचाई वाले इस बिर्थी जलप्रपात की छटा देखते ही बनती है. मुनस्यारी के रास्ते में पड़ने और दूर से दिखाई दे जाने के कारण पिछले कुछ ही वर्षों में बिर्थी जलप्रपात देश भर के पर्यटकों के बीच अच्छी खासी लोकप्रियता अर्जित कर चुका है. पिछले कुछ वर्षों में यहाँ अनेक तरह की पर्यटन-सुविधाएं भी निर्मित हुई हैं.
झरने के लगभग नीचे बना हुआ कुमाऊँ मंडल विकास निगम का गेस्ट हाउस है. वहीं मुख्य सड़क पर बने हुए छोटे से पुल की ठीक बगल में दो या तीन छोटी छोटी दुकानें खुल गयी हैं जिनमें शानदार चाय और परांठे मिलते हैं. इन्हीं में से एक दुकान से लगा हुआ एक चढ़ाईदार रास्ता ऊपर एक जगह तक पहुंचता है जिसे व्यू पॉइंट भी कहा जा सकता है. यहाँ से इस झरने को करीब से देखा जा सकता है.
ऊपर निगाह डालेंगे तो पाएँगे कि एक बहुत छोटे से रास्ते से पहाड़ का पानी नीचे बहता आ रहा है. मार्च अप्रैल के महीनों में आप को ठीक उसके उद्गम पर खिला हुआ बुरांश का एक पेड़ भी दिखाई दे जाएगा. हवा के झोंकों के बीच इतनी ऊंचाई से गिर रहा पानी स्लो मोशन में चलने का अहसास देता है और बहुत देर तक उसे अपलक निहारा जा सकता है. जो झरने के और नजदीक जाना चाहें वे इसी व्यू पॉइंट से आगे बने हुए रास्ते से होते हुए ठीक उसकी जड़ तक पहुँच सकते हैं, हालांकि बरसातों के मौसम में ऐसा करने की सलाह नहीं दी जा सकती. इस साल एक उत्साही स्थानीय युवा ने वहां भी चाय का खोमचा लगा लिया है.
बिर्थी पहुंचने के बाद आप मुनस्यारी के बहुत करीब पहुँच चुके होते हैं. वहां ठहर कर, चाय की चुस्कियों के बीच आप किसी भी स्थानीय व्यक्ति से मुनस्यारी के बारे में अपना ज्ञान वर्धन भी कर सकते हैं जिसके आधार पर अपने यात्रा-कार्यक्रम में थोड़ा बहुत बदलाव भी ला सकते हैं.
अगर आप बिर्थी ठहरने का मन बनाते हैं तो अगली सुबह बर्डवॉचिंग का आनंद भी ले सकते हैं.
वाट्सएप में पोस्ट पाने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120…
उत्तराखंड के सीमान्त जिले पिथौरागढ़ के छोटे से गाँव बुंगाछीना के कर्नल रजनीश जोशी ने…
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में…
पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते…
आपने उत्तराखण्ड में बनी कितनी फिल्में देखी हैं या आप कुमाऊँ-गढ़वाल की कितनी फिल्मों के…
“भोर के उजाले में मैंने देखा कि हमारी खाइयां कितनी जर्जर स्थिति में हैं. पिछली…