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बिच्छू घास की पत्तियों को 5000 से 9000 रुपये तक की रकम चुकाकर क्यों खरीदते हैं लोग

पहाड़ों में सिन्ना या बिच्छू घास हिकारत की नजर से ही देखा गया या उससे डरकर दूरी ही बनाई गयी. बीसवीं सदी में पहाड़ी क्षेत्रों में जन्में कम ही ऐसे लोग होंगे जिनको रूह कपा देने वाले बिच्छू घास की झपाक का अहसास न हो. अब ऐसे भयानक खौफ़ वाले बिच्छू घास की पत्तियों को 5000 से 9000 तक की रकम चुकाकर खरीदे तो आश्चर्य एक पहाड़ी को आश्चर्य होना लाजमी है.
(Bichhu Ghass Kandali Sisun)

दरसल हमारे जहन में घर बना चुके खौफ़ के इतर भी बिच्छू घास की एक दुनिया है जो बड़ी गुणकारी है. बिच्छू घास, सिन्ना, सिसुण, कंडाली, स्टीनगींग नेटल, कॉमन नेटल और नेटल नामों से दुनिया भर में लोकप्रिय इस पौंधे का वानस्पतिक नाम अर्टिका डाईओका है. गर्म तासीर वाले इस पौंधे की दुनियाभर में इसकी 250 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं.

मिनरल, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, सोडियम, कैल्शियम, आयरन और विटामिन से भरे बिच्छू घास का चिकित्सा क्षेत्र में खूब महत्त्व है. काम की एक बात यह जोड़ी जा सकती है इसके शरीर में छूने पर जलन  का कारण इसके रोयेनुमा काँटों में मौजूद हिस्टामीन नामक तत्व है.

रही बात कि आखिर बिच्छू घास कहां 5000 से 9000 रूपये किलो खरीदा जा रहा है तो ऐसा नहीं है कि आप खेत से बिच्छू घास तोड़कर ले जायें और दुकानदार आपको 9000 नकद पकड़ा देगा. बिच्छू घास से नोट कमाने के लिये उसके बाई प्रोडक्ट बनाने होंगे जैसे बिच्छू घास की पत्तियों से बनने वाली चाय.
(Bichhu Ghass Kandali Sisun)

बाज़ार में बिच्छू घास की पत्तियों से बनने वाली चाय की खूब मांग है. बिच्छू घास की पत्तियों से बनने वाली सबसे घटिया चाय के 50 ग्राम पैकेट के लिये आपको जेब से कम से कम सौ रूपये तो ढीले करने ही होंगे. बिच्छू घास की पत्तियों की कीमत हिमालय की ऊंचाई के अनुसार बढ़ती जाती है. बिच्छू घास की पत्तियां जितनी ऊंचाई से आई होगी क्वालिटी और कीमत दोनों उतनी ही अधिक.            

यह तो रही बिच्छू घास की पत्तियों से बनने वाली चाय की कीमत की बात. बिच्छू घास की पत्तियों से बनने वाली क्रीम की कीमत तो बचपन में लगी झपाक के भयानक खौफ़ को एकबारगी पूरी तरह भुला देती है. अच्छी किस्म की एक नेटल क्रीम बाज़ार में 600 रूपये प्रति 50 ग्राम की कीमत पर उपलब्ध है.
(Bichhu Ghass Kandali Sisun)

बिच्छू घास के बारे में और अधिक इस पोस्ट में जानिये: एक चमत्कारी पौधा सिसूण, कनाली उर्फ़ बिच्छू घास

काफल ट्री डेस्क

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