पहाड़ों के दर्द की एक पुरानी कहावत है "पहाड़ों की जवानी, मिट्टी औऱ पानी कभी पहाड़ों के काम नहीं आती".…
चम्पावत के सूखीढांग इंटर कॉलेज में सवर्ण छात्रों द्वारा दलित भोजन माता के हाथों बना मिड डे मील के बहिष्कार…
छोटी-छोटी सड़कों ने पहाड़ों को बड़ा नुकसान पहुंचाया है. इन सड़कों के कारण तमाम रास्ते बंद हो गए जो पहाड़…
अब गांव, गांव सा नहीं रहा, गांव पक्की सड़क से जुड़ चुका है अंग्रेजी स्कूल खुल चुके हैं अब बच्चे…
छलिया नृत्य और उत्तराखंड एक दूसरे के पूरक बन चुके हैं. छलिया नृत्य जिसे हिन्दी में छोलिया नृत्य कहा जाता…
विपरीत परिस्थितियों में भी उत्तराखण्ड की कई महिलाओं ने राष्ट्रीय पटल पर सशक्त हस्ताक्षर किये हैं. इनमें से एक हैं…
इन्द्रमणि बडोनी का जन्म टिहरी गढ़वाल जिले के अखोड़ी गांव (घनसाली) में 24 दिसम्बर 1924 को हुआ था. उनके पिताजी…
उत्तराखण्ड के पश्चिमी टिहरी और जौनसार बावर क्षेत्र में कभी बहुपति प्रथा खासे चलन में थी. इस प्रथा में सबसे…
पहाड़ के बच्चों को जरा सी उजली रौशनी मिले तो वह कितनी लम्बी छलांग लगा सकते हैं इसके अनेक उदाहरण…
जाड़ों का मौसम हो तो अक्सर हमें गर्म तासीर वाली चीजों की आवश्यकता महसूस होने लगती है. विशेष रूप से…