हैडलाइन्स

पहाड़ी टोपी पहनकर पहाड़ियों को टोपी पहनाने लगे अक्षय कुमार

हाल ही में ओटीटी प्लेटफोर्म हॉट स्टार पर अक्षय कुमार की एक फिल्म रिलीज हुई है. फिल्म बनने के दौरान से ही उत्तराखंड राज्य में चर्चाओं में रही थी क्योंकि फिल्म की शूटिंग उत्तराखंड में हुई थी. कठपुतली नाम की इस फिल्म का कुछ हिस्सा उत्तराखंड में शूट हुआ है. फिल्म की शूटिंग के दौरान अक्षय कुमार ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी मुलाक़ात की थी.
(Akshay Kumar Film Uttarakhand Shooting)

सोशियल मीडिया में मुलाक़ात की तस्वीर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने फेसबुक पेज पर अक्षय कुमार को अपना मित्र बताते शेयर की थी. इस साल फरवरी में हुई इस मुलाक़ात के बाद अक्षय कुमार को उत्तराखंड का ब्रांड एम्बेसडर बनाये जाने जैसी खबरें भी आई.

मुख्यमंत्री से मुलाक़ात के दौरान अक्षय कुमार ने उत्तराखंड की पारम्परिक टोपी भी पहनी लेकिन हाल में आई उनकी फिल्म देखकर लगता है कि वह उत्तराखंड के लोगों को ही टोपी पहना रहे हैं. अक्षय कुमार की फिल्म में मसूरी और देहरादून के दृश्यों को हिमाचल प्रदेश का कहकर दिखाया गया है. यह जांच का विषय भी है कि क्या अक्षय कुमार की इस फिल्म को निर्माण के दौरान किसी प्रकार की सब्सिडी भी दी गयी?
(Akshay Kumar Film Uttarakhand Shooting)

यह पहला मामला नहीं है जब उत्तराखंड में शूटिंग कर उसे फिल्मों में दूसरे नाम से दिखाया गया है. यह उत्तराखंड के राजनेताओं के स्टार्स के आगे लमलेट होने का ही नतीजा है कि आज हमारे राज्य में फिल्मों के शूटिंग होने के बाद भी न तो स्थानीय लोगों को रोजगार के अच्छे अवसर मिलते हैं न इन पर्यटक स्थलों का नाम बताकर किसी प्रकार के अन्य अवसर बढ़ते हैं.

उत्तराखंड के राजनेता राष्ट्रीय स्तर पर अपनी बात रखने हमेशा से ही कमजोर साबित हुये हैं. यह उत्तराखंड का दुर्भाग्य है कि राज्य के लोगों के अधिकारों की राष्ट्रीय स्तर पर बात रखने वाला एक भी नेता हमारे पास नहीं है. हां यह जरुर है कि महीने छः महीने में कोई न कोई नेता ऐसा बयान जरुर दे देता है जिससे उत्तराखंड की जगहंसाई जरुर हो जाती है.
(Akshay Kumar Film Uttarakhand Shooting)

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online

Support Kafal Tree

.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

बहुत कठिन है डगर पनघट की

पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते…

17 hours ago

गढ़वाल-कुमाऊं के रिश्तों में मिठास घोलती उत्तराखंडी फिल्म ‘गढ़-कुमौं’

आपने उत्तराखण्ड में बनी कितनी फिल्में देखी हैं या आप कुमाऊँ-गढ़वाल की कितनी फिल्मों के…

17 hours ago

गढ़वाल और प्रथम विश्वयुद्ध: संवेदना से भरपूर शौर्यगाथा

“भोर के उजाले में मैंने देखा कि हमारी खाइयां कितनी जर्जर स्थिति में हैं. पिछली…

6 days ago

साधो ! देखो ये जग बौराना

पिछली कड़ी : उसके इशारे मुझको यहां ले आये मोहन निवास में अपने कागजातों के…

1 week ago

कफ़न चोर: धर्मवीर भारती की लघुकथा

सकीना की बुख़ार से जलती हुई पलकों पर एक आंसू चू पड़ा. (Kafan Chor Hindi Story…

1 week ago

कहानी : फर्क

राकेश ने बस स्टेशन पहुँच कर टिकट काउंटर से टिकट लिया, हालाँकि टिकट लेने में…

1 week ago