आयुष प्रदेश बनाने का दावा पहली बार नहीं हुआ है, पहले भी सरकारें आई, उन्होंने भी आयुष प्रदेश बनाने केा लेकर हल्ला मचाया था. सबसे अधिक हल्ला तो पिछली भाजपा सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री डाॅ रमेश पोखरियाल निशंक ने मचाया था. इसे हल्ला ही इसलिए कहना पड़ रहा है, क्योंकि हकीकत में कोई काम नहीं हुआ.
अब एक बार फिर त्रिवेंद्र सरकार ने आयुष प्रदेश बनाने का मजबूती से दावा ठोंका है. निमयावली तैयार कर ली गई है. आयुष से संबंधित कुछ चीजों को उद्योग का दर्जा भी दिया जाना है. इसके लिए राज्य सरकार ने निवेशकों को विशेष छूट देने का भी वादा किया है.
राज्य सरकार ने सूक्ष्म, लघु, मध्यम व उद्यम मंत्रालय व केंद्र सरकार की ओर से उद्योग लगाने में मिलने वाली दूट के अलावा भी छूट देने का वादा किया है. 10 फीसदी छूट यानी पर्वतीय क्षेत्रों में एक करोड़ पांच लाख और मैदानी क्षे़त्रों में एक करोड़ की वित्तीय सहायता भी दी जाएगी. प्रदेश सरकार ने अक्टूबर में होने वाले इनवेस्टर्स समिट में इस क्षेत्र में भी निवेशकों के आने की संभावना जताई है. इसके लिए 12 क्षेत्रों को चुना गया है.
सरकार की विशेष आयुष नीति में आयुष ग्राम, उद्योग ग्राम, आयुष सेंटर, 50 बेड का अस्पताल, होम स्टे व वेलनेस सेंटर आदि का प्रावधान किया गया है. इसके जरिये पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जाना है. सरकार उम्मीद जता रही है कि इस पहल का निवेशकों पर अच्छा असर पड़ेगा. इससे पर्यटन बढ़ने के साथ ही रोजगार की भी संभावना बढ़ेगी.
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