Featured

उम्मीद जगाती है पहाड़ की बेटियों की यह होली

साल 2019 में पहाड़ के बच्चों का फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हुये वीडियो वायरल हुआ. ख़ोज ख़बर करने पर मिला की वीडियो विजयपुर इंटर कॉलेज के बच्चों का है. यहां के अध्यापक संतोष जोशी की मेहनत का कमाल था. कम उम्र में ही संतोष आज देश और दुनिया के अध्यापकों के लिये आदर्श हैं. रटाने और सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान देने पर जोर देने से हटकर संतोष हमेशा बच्चों को रचनात्मक तरीकों से सिखाने पर जोर देते हैं.
(Uttarakhand Student Holi)

यह होली संतोष की रचनात्मक गतिविधियों का ही एक नमूना है. यहां संतोष बच्चों को स्कूल के बाद कुमाऊं में गायी जाने वाली एक बेहद लोकप्रिय और सरल बोल वाली होली सीखा रहे हैं. इस होली में कक्षा 6 से 12वीं तक की लड़कियां शामिल हैं.

होली सिखाते हुये संतोष और उनके साथी अध्यापकों की टीम इस बात की ओर प्रयासरत दिखती है कि बच्चों को होली बोझिल न लगे. अध्यापकों की यह टीम मनोरंजक अंदाज में ख़ास कुमाऊनी धुन और लय में होली सीखाकर बच्चों में अपनी लोक संस्कृति के बीज रोप रही है.
(Uttarakhand Student Holi)

बागेश्वर जिले में स्थित विजयपुर इंटर कॉलेज कांडा के पास है. यह इलाके के सबसे पुराने स्कूलों में है. इस पट्टी में पड़ने वाले अधिकाँश गावों के लोग दशकों तक इस स्कूल पर ही निर्भर रहे. स्कूल से पढ़े हुये बहुत से पुराने विद्यार्थी आज देश और दुनिया में नाम कर रहे हैं.

संतोष जोशी नई पीढ़ी के शिक्षक हैं. संतोष और उनके साथियों की इस किस्म की रचनात्मक पहल पहाड़ों में एक नई उम्मीद जगाती हैं. संतोष मूल रूप से पोखरी गांव के रहने वाले हैं. वर्तमान में संतोष विजयपुर इंटर कालेज में अध्यापक हैं. संतोष जोशी के विषय में अधिक यहां जानिये:

मिलिये पहाड़ में सरकारी स्कूल के तीन बच्चों से जिनकी फर्राटेदार अंग्रेजी वाले वीडियो से पूरा देश प्रभावित है
(Uttarakhand Student Holi)

फ़िलहाल देखिये संतोष मासाप और उनके बच्चों की यह होली.

Support Kafal Tree

.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

अंग्रेजों के जमाने में नैनीताल की गर्मियाँ और हल्द्वानी की सर्दियाँ

(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120…

3 days ago

पिथौरागढ़ के कर्नल रजनीश जोशी ने हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान, दार्जिलिंग के प्राचार्य का कार्यभार संभाला

उत्तराखंड के सीमान्त जिले पिथौरागढ़ के छोटे से गाँव बुंगाछीना के कर्नल रजनीश जोशी ने…

3 days ago

1886 की गर्मियों में बरेली से नैनीताल की यात्रा: खेतों से स्वर्ग तक

(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में…

4 days ago

बहुत कठिन है डगर पनघट की

पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते…

5 days ago

गढ़वाल-कुमाऊं के रिश्तों में मिठास घोलती उत्तराखंडी फिल्म ‘गढ़-कुमौं’

आपने उत्तराखण्ड में बनी कितनी फिल्में देखी हैं या आप कुमाऊँ-गढ़वाल की कितनी फिल्मों के…

5 days ago

गढ़वाल और प्रथम विश्वयुद्ध: संवेदना से भरपूर शौर्यगाथा

“भोर के उजाले में मैंने देखा कि हमारी खाइयां कितनी जर्जर स्थिति में हैं. पिछली…

1 week ago