उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन मंगलवार को पेट्रोल व डीजल की कीमतों में लगातार इजाफा होने और बढ़ती महंगाई का मुद्दा गूंजा. विपक्ष ने सदन में सरकार को घेरने की कोशिश की और बाद में वाकआउट कर दिया. सदन में कांग्रेस विधायकों ने सरकार पर खूब हमला बोला.
कांग्रेस ने सत्र को महंगाई, अतिक्रमण विरोधी अभियान व सरकार की ढुलमुल नीति, राज्य की कमजोर आर्थिक स्थिति, दैवीय आपदा, एनएच-74 मुआवजा घोटाला, सरकारी स्कूलों को आरएसएस को देने समेत कुछ मुद्दों को अपनी प्राथमिकता में रखा है.
विधानसभा में कार्य स्थगन प्रस्ताव रखते हुए नेता प्रतिपक्ष डॉ इंदिरा हृदयेश ने कहा कि महंगाई चरम पर है. मध्यम वर्ग, किसान, ट्रांसपोर्टर और मध्यम व्यापारी कराह रहा है. सरकार चुप्पी साधे बैठी है. डॉ.इंदिरा हृदयेश ने नियम 310 के तहत महंगाई के मुद्दे को उठाना चाहा, लेकिन स्पीकर प्रेम चंद्र अग्रवाल ने इसे नियम 58 में सुनने का भरोसा दिलाया. इसके बाद, प्रश्नकाल शुरू हो गया.
विपक्ष ने आरिप लगाया कि कच्चे तेल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में यूपीए सरकार के जमाने की तुलना में इस वक्त 40 फीसदी कम है. इसके बावजूद, पेट्रो पदार्थों की कीमत कम नहीं की जा रही है.बाजार में कच्चे तेल की कीमत 73 डालर प्रति बैरल है, सरकार बनने के बाद पेट्रोल-डीजल की एक्साइटज ड्यूटी में 12 बार वृद्धि हो चुकी है.
इसके जवाब में सरकार ने कहा की जिस वक्त एनडीए की सरकार ने सत्ता संभाली, उस वक्त पेट्रोल 74.94 रुपये लीटर और डीजल 61.55 लीटर उसे मिला था. यूपीए के 10 साल के शासन में पेट्रोल 39.51 रुपये लीटर से 74.94 पर पहुंचा. इसी तरह डीजल के दाम में भी उछाल आया है. नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में विकास थम चुका है और महंगाई बढ़ती जा रही है. भ्रष्टाचार समेत तमाम मुद्दों पर कांग्रेस सत्र में सरकार से जवाब मांगेगी.
विधानसभा के इस सत्र के लिए विधायकों की ओर से 950 से अधिक प्रश्न हैं, जबकि 172 याचिकाएं लगाई गई हैं. इसके साथ ही सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से कई संकल्प और नियम 105 के प्रस्ताव लाए जाएंगे.
सदन में आएंगे विधेयक
उत्तराखंड सेवानिवृत्ति लाभ संशोधन अध्यादेश.
उत्तराखंड नगर निकायों एवं प्राधिकरणों हेतु विशेष प्रावधान अध्यादेश.
उत्तराखंड शीरा नियंत्रण अधिनियम अनुकूलन एवं उपान्तरण आदेश संशोधन विधेयक.
न्यायालय शुल्क उत्तराखंड संशोधन विधेयक.
अधीनस्थ चयन आयोग संशोधन विधेयक.
इसके अलावा उत्तराखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की वर्ष 2016-17 की वार्षिक रिपोर्ट भी सदन के पटल पर रखी जाएगी.
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