साल 2006 में मिस उत्तराखंड का खिताब देहरादून की लावण्या त्रिपाठी ने जीता था. दक्षिण भारत के मशहूर फिल्म निर्माता राजामौली की फिल्म में लावण्या की पहली बार 2012 में मुख्य अभिनेत्री की भूमिका में आई. यह फिल्म खूब सफ़ल रही, फिल्म के लिये लावण्या को बेस्ट डेब्यू ऐक्ट्रेस का ख़िताब भी मिला. (Uttarakhand Girl Lavanya Tripathi)
मिस उत्तराखंड का खिताब जितने के बाद लावण्या ने सबसे पहले ‘श्श्श्श… कोई है’ (Shhhh… Koi Hai) नाम का धरावाहिक किया था. 2006 से 2012 के बीच उन्होंने कई सारे धारावाहिकों में मुख्य अभिनेत्री के रूप में काम किया इस दौरान उन्होंने बहुत से बड़े-बड़े ब्रांड के लिये विज्ञापन भी किये. (Uttarakhand Girl Lavanya Tripathi)
साल 2012 में उन्होंने तमिल फिल्मों से डेब्यू किया उनकी पहली फिल्म अन्दोला राक्षसी ने तमिल बाक्स ऑफिस पर सफल रही. इस फिल्म के एक साल के भीतर ही लावण्या का नाम तमिल फिल्म इंडस्ट्री की बड़ी अभिनेत्रियों में गिना जाने लगा था.
इसके बाद लावण्या दर्जन भर से अधिक तमिल फ़िल्में कर चुकी हैं. वर्तमान में तमिल फिल्म इंडस्ट्री में सबसे बड़ी अभिनेत्रियों में लावण्या वर्तमान में हैदराबाद में रहती हैं.
लावण्या ने मुम्बई के नेशनल कालेज से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएट हैं. उनके पिता वकील हैं और माता अध्यापिका हैं. लावण्या तीन भाई बहनों में सबसे छोटी हैं. परिवार में उनसे बड़ी उनकी एक बड़ी बहन और भाई हैं. लावण्या भरतनाट्यम और कथक दोनों ही करती हैं.
अपने एक साक्षात्कार में लावण्या बताती हैं कि उनका जन्म और परवरिश दोनों देहरादून में हुआ. उन्होंने अपने स्कूल की पढ़ाई भी देहरादून में ही पूरी की. उत्तराखंड में ही उनको 2006 का मिस उत्तराखंड का ख़िताब मिला. देहरादून में ही उन्होंने भरतनाट्यम और कथक सीखा. देहरादून में वह भरतनाट्यम और कथक की स्टेज परफारमेंस भी दे चुकी हैं.
हाल ही में लावण्या तब विवादों में आई थी जब उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के ट्वीट को आड़े हाथों लिया जिसमें ओम बिरला ने लिखा था कि ब्राह्मणों का स्थान सर्वोच्च है. हालांकि लावण्या ने बाद में अपना ट्वीट डिलीट कर दिया था.
लावण्या की अगली फिल्म जल्द ही आने वाली है. उनकी आने वाली फिल्म अर्जुन सूर्यवर्मन है.
-काफल ट्री डेस्क
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…
कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…
शायद यह पहला अवसर होगा जब दीपावली दो दिन मनाई जाएगी. मंगलवार 29 अक्टूबर को…
तकलीफ़ तो बहुत हुए थी... तेरे आख़िरी अलविदा के बाद। तकलीफ़ तो बहुत हुए थी,…
चाणक्य! डीएसबी राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय नैनीताल. तल्ली ताल से फांसी गधेरे की चढ़ाई चढ़, चार…
देह तोड़ी है एक रिश्ते ने… आख़िरी बूँद पानी का भी न दे पाया. आख़िरी…