Featured

बर्फबारी के मौसम में शिव मंदिर तुंगनाथ की तस्वीरें

विश्व में सबसे ऊंचाई पर स्थित भगवान शिव का मंदिर है तुंगनाथ में. रुद्रप्रयाग जिले में स्थित यह मंदिर समुद्र तल से 3680 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है. यह मंदिर पंचकेदारों में एक है. पंचकेदारों में तृतीय केदार के नाम से प्रसिद्ध तुंगनाथ में भगवान शिव की भुजा का पूजन होता है.
(Tungnath After Snowfall)

अद्भुत वास्तुशिल्प और सौन्दर्य के लिये जाना जाने वाले तुंगनाथ के कपाट दीपावली के बाद बंद हो जाते हैं और अप्रैल मई के महीने में चार धामों में कपाट खुलने के समय ही तुंगनाथ के कपाट भी खुलते हैं.

सर्दियों में बर्फ़बारी के कारण इसके कपाट बंद रहते हैं. इस दौरान भगवान शिव मक्कूमठ में विराजमान रहते हैं. इस कराण मक्कूमठ को भगवान तुंगनाथ का शीतकालीन प्रवास स्थान भी कहा जाता है.     

बर्फबारी के इस मौसम में बाबा तुंगनाथ का यह स्थल मनोहर दिखता है हमारे साथी नरेंद्र परिहार द्वारा ली गयी तस्वीरों में देखिये शीतकाल में भगवान तुंगनाथ का मंदिर:
(Tungnath After Snowfall)

फ़ोटो: नरेन्द्र सिंह परिहार
फ़ोटो: नरेन्द्र सिंह परिहार
फ़ोटो: नरेन्द्र सिंह परिहार
फ़ोटो: नरेन्द्र सिंह परिहार
फ़ोटो: नरेन्द्र सिंह परिहार
चन्द्रशिला.फ़ोटो: नरेंद्र परिहार
कपाट खुलने पर तुंगनाथ मंदिर. फ़ोटो: नरेन्द्र सिंह परिहार

-नरेन्द्र सिंह परिहार

इसे भी पढ़ें : विश्व में सबसे ऊंचा शिव मंदिर है तुंगनाथ

काफल ट्री के फेसबुक पेज को लाइक करें : Kafal Tree Online

मूलरूप से पिथौरागढ़ के रहने वाले नरेन्द्र सिंह परिहार वर्तमान में जी. बी. पन्त नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हिमालयन एनवायरमेंट एंड सस्टेनबल डेवलपमेंट में रिसर्चर हैं.

काफल ट्री के फेसबुक पेज को लाइक करें : Kafal Tree Online

Support Kafal Tree

.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

हो हो होलक प्रिय की ढोलक : पावती कौन देगा

दिन गुजरा रातें बीतीं और दीर्घ समय अंतराल के बाद कागज काला कर मन को…

1 week ago

हिमालयन बॉक्सवुड: हिमालय का गुमनाम पेड़

हरे-घने हिमालयी जंगलों में, कई लोगों की नजरों से दूर, एक छोटी लेकिन वृक्ष  की…

1 week ago

भू कानून : उत्तराखण्ड की अस्मिता से खिलवाड़

उत्तराखण्ड में जमीनों के अंधाधुंध खरीद फरोख्त पर लगाम लगाने और यहॉ के मूल निवासियों…

2 weeks ago

यायावर की यादें : लेखक की अपनी यादों के भावनापूर्ण सिलसिले

देवेन्द्र मेवाड़ी साहित्य की दुनिया में मेरा पहला प्यार था. दुर्भाग्य से हममें से कोई…

2 weeks ago

कलबिष्ट : खसिया कुलदेवता

किताब की पैकिंग खुली तो आकर्षक सा मुखपन्ना था, नीले से पहाड़ पर सफेदी के…

2 weeks ago

खाम स्टेट और ब्रिटिश काल का कोटद्वार

गढ़वाल का प्रवेश द्वार और वर्तमान कोटद्वार-भाबर क्षेत्र 1900 के आसपास खाम स्टेट में आता…

2 weeks ago