Featured

आई विश मोर फ्लाइट्स टू योर विंग्स, कमांडर

पाकिस्तान में बंदी बना लिए गए भारतीय वायु सेना के अधिकारी विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान (Wing Commander Abhinandan Varthaman) की सुरक्षित स्वदेश वापसी पर यह त्वरित टिप्पणी हमारे साथी अमित श्रीवास्तव ने भेजी है.

उसका जाना किसी स्ट्रैटेजी, दांव या रणकौशल की वजह से हुआ होगा, मेरे लिए बहुत मायने नहीं रखता जानना… उसका आना भी किसी नियम कायदे की वजूहात रखता होगा मेरे लिए उन कारणों का संधान भी फिलवक्त मायने नहीं रखता. जो चीज़ मेरे लिए मायने रखती है वो है उसके जबड़ों की कसावट, बोलते वक्त मूंछों की जुम्बिश और माथे से बह रहे लहू के बीच बेध देने वाली आंखें.

सामान्यतः मैं आर्मी या सुरक्षा एजेंसियों के कार्यों की अंदरूनी बुनावट पर टिप्पणी नहीं करता, लेकिन अभिनंदन… उफ्फ!!

तुम जानते हो? चार आदमी घेर लेते हैं तो घबराहट में तुतलाहट भर जाती है, कंठ सूख जाता है भाषा बदल जाती है लेकिन अभिनंदन … उफ्फ!!

जिन लोगों ने जीवन में कभी अपने ख़िलाफ़ भीड़ को झेला है वो समझ सकते हैं कि उस वक्त अभिनन्दन के सामने खड़ा आदमी थप्पड़ मारने से लेकर जान लेने तक कुछ भी कर सकता था… लेकिन अभिनन्दन… उफ्फ!!

एक बार भी गला नहीं सूखा, ऐसा कुछ नहीं बोला जो उसे नहीं बोलना था. हां ये टॉर्चर का वीडियो नहीं था, लेकिन फिर भी. क्या तुमने देखा उसके चेहरे पर एक मदमाती सी मुस्कान थी. ना! आत्म मुग्ध देश तुम शायद ही देख सको.

उसके जाने को मत देखो, उसके आने को मत समझो, बस उसका होना महसूस करो. शायद तुम्हारे नथुनों में एक सकून की सांस भर जाए, शायद तुम्हें प्रेम की सही मिसाल मिल जाए, शायद तुम्हारे कंधे कुछ और ज़िम्मेदार हो उठें!

बदला-बदला बोलते हवा में घूंसे मारते तुम्हारे हाथ थक चुके होंगे अब ज़रा उसके न आने के बारे में सोचो शायद तुम्हें ये अहसास हो जाए उन मूंछों के बीच की मुस्कान का होना ही दरअसल तुम्हारा होना है.

काश कि तुम जान सकते जिनके दिल प्रेम से भरे होते हैं उनके सीने की माप तुम्हारे दो हाथों की माप से बाहर होती है.

आई विश मोर फ्लाइट्स टू योर विंग्स, कमांडर!!

 

अमित श्रीवास्तव

उत्तराखण्ड के पुलिस महकमे में काम करने वाले वाले अमित श्रीवास्तव फिलहाल हल्द्वानी में पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात हैं. 6 जुलाई 1978 को जौनपुर में जन्मे अमित के गद्य की शैली की रवानगी बेहद आधुनिक और प्रयोगधर्मी है. उनकी दो किताबें प्रकाशित हैं – बाहर मैं … मैं अन्दर (कविता).

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

नेत्रदान करने वाली चम्पावत की पहली महिला हरिप्रिया गहतोड़ी और उनका प्रेरणादायी परिवार

लम्बी बीमारी के बाद हरिप्रिया गहतोड़ी का 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया.…

6 days ago

भैलो रे भैलो काखड़ी को रैलू उज्यालू आलो अंधेरो भगलू

इगास पर्व पर उपरोक्त गढ़वाली लोकगीत गाते हुए, भैलों खेलते, गोल-घेरे में घूमते हुए स्त्री और …

6 days ago

ये मुर्दानी तस्वीर बदलनी चाहिए

तस्वीरें बोलती हैं... तस्वीरें कुछ छिपाती नहीं, वे जैसी होती हैं वैसी ही दिखती हैं.…

1 week ago

सर्दियों की दस्तक

उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…

2 weeks ago

शेरवुड कॉलेज नैनीताल

शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…

2 weeks ago

दीप पर्व में रंगोली

कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…

3 weeks ago