समाज

देश दुनिया की किसी भी जगह पर कुमाऊँवाणी से सुनिए पहाड़ से सीधा प्रसारण

सीधे प्रसारण के दस साल

सीमित संसाधनों के साथ कई चुनौतियां का सामना करते हुए रेडियो कुमाऊँवाणी ने इस साल अपने प्रसारण के 10 साल पूरे किए. ये साल न सिर्फ एक लंबे सफर के लिए याद रखा जाएगा बल्कि कुमाऊँवाणी ने एक और पड़ाव पार किया है और वो है लाइव स्ट्रीमिंग यानी अब आप देश दुनिया की किसी भी जगह पर कुमाऊँवाणी का पहाड़ से सीधा प्रसारण सुन सकते हैं. Ten Years of Kumaon Vaani

सोशल मीडिया का प्रयोग

मुक्तेश्वर में स्थापित कुमाऊँवाणी ने अपने सफर की शुरुआत 2010 में की और साथ ही यह कोशिश की कि पहाड़ के प्रासंगिक मुद्दों पर बात की जाए. पहाड़ के मुद्दे न सिर्फ़ एक क्षेत्र विशेष के लिए आवश्यक है बल्कि मैदानी इलाकों में बसे जनजीवन पर भी इसका असर पड़ता है.

इसलिए रेडियो के काम को सिर्फ़ समुदाय तक सीमित न रखकर सोशल मीडिया के ज़रिए इसे एक बड़े श्रोता वर्ग तक पहुँचाने की कोशिश की गयी इससे रेडियो कुमाऊँवाणी की पहचान पहाड़ी क्षेत्रों के अलावा दूसरे राज्यों में भी बनी. Ten Years of Kumaon Vaani

पहाड़ छोड़ गए लोग दूसरे राज्यों में सोशल मीडिया के ज़रिए कुमाऊँवाणी के कार्यक्रम सुनने लगे और तमाम लोगों का कुमाऊँवाणी से जुड़ने का सिलसिला भी शुरू हुआ. लेकिन सोशल मीडिया पर रेडियो के चुनिंदा कार्यक्रम ही प्रसारित होते थे.

लाइव विमर्श

इससे लोगों की सीधा प्रसारण सुनने की जिज्ञासा शांत नहीं हुई. इस पर कुमाऊँवाणी टीम ने विचार विमर्श किया और परिणामस्वरूप आज रेडियो कुमाऊँवाणी अपने सभी श्रोताओं के बीच लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से पहुँच रहा है.

कुमाऊँवाणी के स्टेशन मैनेजर मोहन सिंह कार्की का कहना है कि ”हमारी हमेशा ये कोशिश रही है कि अपने समुदाय से जुड़े विषयों को रेडियो पर जगह दें. लेकिन पहाड़ के विषय न सिर्फ़ क्षेत्र विशेष के हैं बल्कि इसका असर मैदानी इलाकों पर भी पड़ता है जैसे पानी, पलायन, जंगलों में लगने वाली आग.”

“हमें ख़ुशी हो रही है ये बताते हुए कि अब क्षेत्र विशेष के ये कार्यक्रम आप कहीं से भी सुन सकते हैं फिर चाहें आप दिल्ली में हो या किसी अन्य जगह. और साथ ही पहाड़ के संगीत की मधुरता का भी आप आनंद उठा सकते हैं.” Ten Years of Kumaon Vaani

यह भी पढ़ें: सामुदायिक रेडियो की मिसाल बनता नैनीताल का ‘कुमाऊं वाणी’

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