शेरदा चले गये. मेरा उनका वर्षों साथ रहा. सचमुच वे अनपढ़ थे. यदि अनपढ़ नहीं होते तो इतनी ताजी उपमाएँ…
जब से मैंने शेरदा की किताब ‘मेरि लटि पटि’ अपनी यूनिवर्सिटी में एमए की पाठ्यपुस्तक निर्धारित की, एकाएक पढ़े-लिखे सभ्य…
सन् 1971 में जब मैंने हाईस्कूल पास किया तब अंग्रेजी पाठ्य पुस्तक में सरोजनी नायडू की एक कविता थी- ‘वीवर्स’…
भुर भुर उज्याई जसी जाणि रत्तै ब्याण,भिकुवे सिकड़ी कसि ओढ़ी जै निसाण,खित्त कनैं हंसणऔर झऊ कनैं चाण,क्वाठन कुरकाती लगूंमुख क…