Sherda Anpadh Classic Poem

सुनिए शेरदा अनपढ़ की संगीतबद्ध कविता ‘को छै तू’

इस तरह आने वाली पीढ़ी विरासत को संभालते हुए सम्मान देती है, आगे बढ़ाने में अपना योगदान देती है. शेरदा…

4 years ago

जीवन की गजब दार्शनिक एवं व्यावहारिक समझ थी शेरदा अनपढ़ को

सन् 1971 में जब मैंने हाईस्कूल पास किया तब अंग्रेजी पाठ्य पुस्तक में सरोजनी नायडू की एक कविता थी- ‘वीवर्स’…

5 years ago

शेरदा अनपढ़ की कविता – को छै तू

भुर भुर उज्याई जसी जाणि रत्तै ब्याण,भिकुवे सिकड़ी कसि ओढ़ी जै निसाण,खित्त कनैं हंसणऔर झऊ कनैं चाण,क्वाठन कुरकाती लगूंमुख क…

5 years ago