satire

हल्द्वानी नगर में ट्रांसफार्मर तिरतीया पर्व

ज्येष्ठ मास में एक तिथि-साइत ऐसी आती है जिसे हल्द्वानी नगर में ट्रांसफार्मर तिरतीया के नाम से मनाया जाता है.…

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खाँटी साहित्यकारों की साहित्यिक बातें

उनका फोन कई दिन से आ रहा था. औपचारिकतावश मैंने भी दो-तीन बार फोन कर लिया. हम दोनों ने एक…

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लेखकों के सपने

मेरे द्वारा लिखे गये एक लेख के लिये सरकार मुझे गिरफ़्तार कर लेती है. मेरी गिरफ़्तारी से पूरे देश में…

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व्यंग्य के लिये विषय की खोज

आज सुबह-2 फोन पर जो ख़बर मिली उसे सुन कर हम खुशी से फूले न समाये. फोन एक बहुत बड़े…

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तूतू – मैंमैं

'आखिर हुआ क्या?' 'होना क्या था? वो हमें बाज़ार में मिले. हमे बहुत जाने-पहचाने से लगे.' 'फिर?' 'हम भी उन्हें…

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व्यंग्य का जन्म किस प्रकार होता है?

कल एक मित्र का फोन आया. मित्र मुम्बई में हैं, और अभिनय के क्षेत्र में अपना नाम कमा रहे हैं.…

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भाई साहब! मैं बाल कवि नहीं हूँ!

उसका वहां होना, जहां उसे नहीं होना चाहिये था, स्वयं में एक घटना थी. सभागृह- प्रेक्षागृह, वाचनालय- पुस्तकालय, विश्वविद्यालय-मदिरालय, ऐसे…

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सरकारी विभागों में पावती, सिर्फ पावती नहीं है

उस कक्ष में पांच कर्मचारी उपस्थित थे- तीन पुरुष और दो महिलायें. सभी कुछ देर पहले ही अपने-अपने स्थानों पर…

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आम आदमी में चूसे जाने की अपार संभावनाएं मौजूद हैं

कुछ दिनों पहले अचानक हमें अपनी बुद्धि पर फिर से तरस आने लगा. यह कोई नई बात नहीं थी. किसी…

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गुलदाढू से सावधान भोंकता कम काटता ज्यादा है

गैरीगुरु की पालिटिकल इकानोमी : अथ चुनाव प्रसंग- 2 पिछली क़िस्त यहां पढ़े-गैरीगुरु की पालिटिकल इकानोमी : अथ चुनाव प्रसंग…

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