दिल ढूँढता है फिर वही फ़ुरसत के रात दिन - (२)बैठे रहे तसव्वुर-ए-जानाँ किये हुएदिल ढूँढता है फिर वही फ़ुरसत…
जिंदगी के सफर में गुजर जाते हैं जो मकाम, वो फिर नहीं आते... इस गीत को सुनकर संवेदी श्रोता अनायास…
(पोस्ट को रुचिता तिवारी की आवाज़ में सुनने के लिए प्लेयर पर क्लिक करें) मेलोडेलिशियस - 7 ये ऑल इंडिया…