Poem Chandrakant Devtale

प्रेम पिता का दिखाई नहीं देताप्रेम पिता का दिखाई नहीं देता

प्रेम पिता का दिखाई नहीं देता

तुम्हारी निश्चल आंखेंचमकती हैं मेरे अकेलेपन की रात के आकाश मेंप्रेम पिता का दिखाई नहीं देताईथर की तरह होता हैजरूर…

4 years ago