My Childhood by Sundar Chand Thakur

पुराने दोस्त पुरानी शराब से ज्यादा जायकेदार होते हैंपुराने दोस्त पुरानी शराब से ज्यादा जायकेदार होते हैं

पुराने दोस्त पुरानी शराब से ज्यादा जायकेदार होते हैं

पहाड़ और मेरा जीवन – 47 (पिछली क़िस्त: और मैं बन गया एनसीसी गणतंत्र दिवस कैंप में ऑल इंडिया कमांडर…

6 years ago
और मैं बन गया एनसीसी गणतंत्र दिवस कैंप में ऑल इंडिया कमांडरऔर मैं बन गया एनसीसी गणतंत्र दिवस कैंप में ऑल इंडिया कमांडर

और मैं बन गया एनसीसी गणतंत्र दिवस कैंप में ऑल इंडिया कमांडर

पहाड़ और मेरा जीवन – 46 (पिछली क़िस्त: मुझे जिंदा पाकर मां ने जब मुझ पर की थप्पड़ों की बरसात)…

6 years ago
मुझे जिंदा पाकर मां ने जब मुझ पर की थप्पड़ों की बरसातमुझे जिंदा पाकर मां ने जब मुझ पर की थप्पड़ों की बरसात

मुझे जिंदा पाकर मां ने जब मुझ पर की थप्पड़ों की बरसात

पहाड़ और मेरा जीवन -45 पिछली क़िस्त : बद्रीदत्त कसनियाल- जिनके सान्निध्य में कब पत्रकार बना, पता ही न चला…

6 years ago
बद्रीदत्त कसनियाल- जिनके सान्निध्य में कब पत्रकार बना, पता ही न चलाबद्रीदत्त कसनियाल- जिनके सान्निध्य में कब पत्रकार बना, पता ही न चला

बद्रीदत्त कसनियाल- जिनके सान्निध्य में कब पत्रकार बना, पता ही न चला

पहाड़ और मेरा जीवन -44 पिछली क़िस्त : पहाड़ों में पैदल चलने के बिना जिंदगी का जायका ही क्या जो…

6 years ago
पहाड़ों में पैदल चलने के बिना जिंदगी का जायका ही क्यापहाड़ों में पैदल चलने के बिना जिंदगी का जायका ही क्या

पहाड़ों में पैदल चलने के बिना जिंदगी का जायका ही क्या

पहाड़ और मेरा जीवन -43 पिछली क़िस्त : हल चलाना, नौले से फौले में पानी भरकर लाना और घोघे की…

6 years ago
हल चलाना, नौले से फौले में पानी भरकर लाना और घोघे की रोटी मक्खन, नून के साथ खानाहल चलाना, नौले से फौले में पानी भरकर लाना और घोघे की रोटी मक्खन, नून के साथ खाना

हल चलाना, नौले से फौले में पानी भरकर लाना और घोघे की रोटी मक्खन, नून के साथ खाना

पहाड़ और मेरा जीवन – 42 पिछली कड़ी:  एक कमरा, दो भाई और उनके बीच कभी-कभार होती हाथापाई हम सबकी…

6 years ago
एक कमरा, दो भाई और उनके बीच कभी-कभार होती हाथापाईएक कमरा, दो भाई और उनके बीच कभी-कभार होती हाथापाई

एक कमरा, दो भाई और उनके बीच कभी-कभार होती हाथापाई

पहाड़ और मेरा जीवन – 41 पिछली कड़ी: आपकी एक छोटी-सी पहल कैसे आपका मुकद्दर संवार सकती है आज कुछ…

6 years ago
आपकी एक छोटी-सी पहल कैसे आपका मुकद्दर संवार सकती हैआपकी एक छोटी-सी पहल कैसे आपका मुकद्दर संवार सकती है

आपकी एक छोटी-सी पहल कैसे आपका मुकद्दर संवार सकती है

पहाड़ और मेरा जीवन – 40 पिछली कड़ी: भाषण देते हुए जब मेरे पैर कांपते रहे, जुबान हकलाती रही और…

6 years ago
भाषण देते हुए जब मेरे पैर कांपते रहे, जुबान हकलाती रही और दिमाग सुन्न पड़ गयाभाषण देते हुए जब मेरे पैर कांपते रहे, जुबान हकलाती रही और दिमाग सुन्न पड़ गया

भाषण देते हुए जब मेरे पैर कांपते रहे, जुबान हकलाती रही और दिमाग सुन्न पड़ गया

पहाड़ और मेरा जीवन – 39 (पिछली कड़ी: जब संपादकीय टिप्पणी के साथ ‘जनजागर’ के मुखपृष्ठ पर मेरी कविता प्रकाशित…

6 years ago
जब संपादकीय टिप्पणी के साथ ‘जनजागर’ के मुखपृष्ठ पर मेरी कविता प्रकाशित हुईजब संपादकीय टिप्पणी के साथ ‘जनजागर’ के मुखपृष्ठ पर मेरी कविता प्रकाशित हुई

जब संपादकीय टिप्पणी के साथ ‘जनजागर’ के मुखपृष्ठ पर मेरी कविता प्रकाशित हुई

पहाड़ और मेरा जीवन – 38 (पिछली कड़ी: एक शराबी की लाश पर महिलाओं के विलाप ने लिखवाई मुझसे पहली…

6 years ago