अपनी कविता में चंद्रकांत देवताले मां पर एक जगह लिखते हैं - मैंने धरती पर कविता लिखी है चंद्रमा को…
पांच दशक पूर्व तक पहाड़ में नारी के कठिन और संघर्षपूर्ण जीवन गाथा की आज कल्पना भी नहीं की जा…